गाम की उजा-ज्यात:
गाम म खेती ज्यादती तौर पै जाट अर बाह्मणां का पेशा सै जो हरिजन मजदूरां की सेती करी जा सै|
|
|
|
|
|
कपास |
सरसों |
गेहूं |
ईंख (गन्ना) |
धान (चावल) |
नाज/दाळ/रेश्शा/न्यार |
फळ/बाग़ |
साग/सब्जी |
फूल |
सामणी: चौमासे म बोई जा सै अर जाडयाँ म कटाई
नाज: चौळ, ज्वार, बाजरा, मक्का
दाळ: मूंग, ढांचा-अरहड़, उड़द, मोठ
रेश्शा: कपास
तैलीय: सूरजमुखी, तय्ल
न्यार: जुव्यार, गुवार
साढी: जाडयाँ म बोई जा सै आर गर्मियां लामणी करी जा सै
नाज:गंहू, मेथी, जों
दाळ:चणा, लोबिया, मटर
तैलीय: सरसम, तोडिया
न्यार: सरसम-बरसम
बारूं-मासी फसल: ईंख (गण्डा)
|
आम्ब, केळआ, बेर, बेरी, मरुद, शतूत, गुल्लर, शैद, तरबूज, शक्कर-गन्दी, पलपोटण, पपीता, लसोड़े, नम्बोळी, जंगळी-जलेबी
|
सलाद: गाजर, मूली, चुकंदर, प्याज, गोभी, टमाटर, ककड़ी, खीरा
सामान्य: आलू, फूल-गोभी, घिया, कद्दू, टिंडा, बेंगन, पेठा, लह्सोड़े
हरी-सब्जियां: तोरी, भिन्डी, पालक, मेथी, बथुआ, कुंद्रा, मड़कन, गंडल, मटर, मूंग की फली, मूली के पत्ते
मसाले: धनिया, लहसुन
|
सूरजमुखी, सरसों, गेंदा, चमेली, गुलाब
|
गाम के जायके:
गाम के खाणे, जायके अर मुक्हार का ब्यौरा
|
|
|
|
|
चूरमा |
हरी सब्जियां |
लस्सी-छाज |
अचार |
घर के खोये के लड्डू |
ढाळ |
जायके-मुक्हार |
चटनियाँ |
कचरी, मेथी, आलू, सिंगरा, हरी-मिर्च, मटर, छोलिये, लाल-मिर्च, टमाटर-प्याज, मेथी-अदरक, आलू-लस्सी, हरा-धनिया,
वर्तमान: इमली-टमाटर, नारियल |
घरेलु हरियाणवी मिठाइयाँ |
लड्डू (खोया, मूंग, तिल, बेलगिरी), गूंद, कसार, चूरमा, बर्फी, पेडे, तिलकुटा, बूरा, खांड, गुलगुले-सुहाली, माल पूड़ा, साधारण पूड़ा, घी-बूरा, गुड़, घी-शक्कर, खीर, खोया-खीर, पंजीरी, हलवा, सूखा हलवा, जलेबी, सामकिया खीर, मीठे चावल
वर्तमान: जलेबी, गज्जक, पनीर के लड्डू, नारियल की लड्डू, आटे के लड्डू, खीर (मटर की, सामकिये की, चावल की, पनीर की), हलवा (आलू का, बादाम का, बेसन का)
|
दूध |
पनीर, जलेबी, बर्फी, खोये के लड्डू, पनीर के लड्डू, दूध, मख्खन, घी, दही, अध्-बिलोई लस्सी, लस्सी, गोज्जी, रायता (गाजर, घिया, कद्दू, मूली, बथुआ,बूंदी), पनीर के परांठे, खीर, रसगुल्ले, मावे की बर्फी
|
नमकीन |
पकोड़े (प्याज, आलू, गोभी, पनीर, बैंगन, मटर), भुजिया, ब्रेड-पकोड़ा, मठ्ठी, मटर, दलीय, खिचड़ी, नमकीन चिल्ला, परांठे, घिया-कोफ्ते, कढी-कोफ्ते, छोले-भठूरे, समोसे
|
अनाज |
चावल (सादे, नमकीन, मीठे), रोटी (गेहूं, बाजरा, चना), खिचड़ी (मूंग-चावल, चना-बाजरा) गेहूं का दलिया, नमकीन चने-बाकली, हलवा, परांठे, पूड़े, पूरी, सामकिये
|
हरा-साग |
बथुआ, कुंद्रा, पालक, गंडल, मेथी, मूंग की फली, मूली के पत्तों की भुज्जी
|
अचार |
पुराने जमाने से: आम, हरी-लाल मिर्च, निम्बू, टींड
वर्तमान:गाजर, गोभी, लहसुन, खट्टा-मीठा नीम्बू, कमल-ककड़ी
|
दालें |
पुराने जमाने से: मूंग, चने, उड़द, मोठ
वर्तमान: राजमा, छोले, सोयाबीन, लोबिया, अरहर, पीली दाल, दाल मखनी
|
मसालें |
पुराने जमाने से: हरी-लाल मिर्च, कचरी, सूखी मेथी, अजवायन, धनिया, नमक, जीरा, हल्दी, लहसुन
भूतकाल व् वर्तमान: बूंदी रायता, गरम मसाले, चना-छोले-मसाला, आमचूर चूर्ण, पाक चूर्ण, काली मिर्च, जल-जीरा
|
दादी माँ के घरेलु नुस्खे |
देशी-नुस्खे |
अंदरूनी चोट के लिए हल्दी का दूध, काडा (दूध-खांड-छुवारे-लॉन्ग), देशी फाकी, चोट से तवचा छिल जाने पे मोम-हल्दी-सरसों के तेल के मिश्रण का लेप, नीम की पपड़ी का लेप, गूलर का फल, हल्दी-तेल का मिश्रण, सरसों के दिये पे पलते से काजल बनाना, दाड़ दर्द के लिए लॉन्ग कर रस, पेट में दर्द के लिए अजवायन-नमक का मिश्रण, दूध-घी-हल्दी मिला के पीना, जुकाम के लिए छुवारे-लॉन्ग-इलायची-काली मिर्च-अदरक-तुलसी दाल के पीना, खांसी के लिए शहद-काली मिर्च का मिश्रण
|
ध्यान म देण की: बख्त की गेल इसमें और भी जानकारी घाली जान्दी रहगी|
जय दादा नगर खेड़ा बड़ा बीर
लेखक्क: पी. के. म्यलक
छाप: न्यडाणा हाइट्स
छाप्पणिया: न्य. हा. शो. प.
ह्वाल्ला:
|