Shaheed-e-aajam Sardar Bhagat Singh Sandhu |
Neta Ji Subhash Chander Bose |
Shaheed Sardar Udham Singh Kamboj |
Shaheed Ashfaqulla Khan |
Shaheed Chander Shekhar Aazaad |
Shaheed Pandit Ramprasad Bismil |
Brief: 28 September 1907 – 23 March 1931. The national and greatest martyr of Indian Freedome Movement. The man who goes on hunger strike has a soul. He is moved by that soul, and he believes in the justice of his cause. |
Brief: 23 January 1897 – 18 August 1945 (unconfirmed). |
Brief: December 26, 1899 – July 31, 1940.
मांद में जा के दुश्मन का शिकार करने वाले आज़ादी व् प्रतिशोध की धुन के पक्के शहीद सरदार उधम सिंह जी के जोहर पर चार पंक्तियाँ:
हाँसी की लाल-सड़क सा, ग़दर मचाया था डायर ने,
आज़ादी के मतवालों पे जाल बिछाया था उस ने|
जलियावालां किस्सा सुना यूँ, बौराया वो लंदन में,
सिंह-सिखणी के जाए ने, जा उसको ढाया कैक्सटन में||
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Brief: 22 October 1900 – 19 December 1927. |
Brief: 23 July 1906 – 27 February 1931. |
Brief: 11 June 1897 - 19 December 1927. |
Shaheed Khudi Ram Bose |
Amar Shaheed Bhallabgarh Naresh Raja Naahar Singh Tevatia |
Maharani Laxmi Bai Jhansi |
Hindu Dharm Rakshak Maharana Partap |
Chhatarpati Shivaji Maharaj Bhonsle |
Rao Tularam Revadi |
Brief: 3 December 1889 – 11 August 1908. |
Brief: 1823–9 January 1858. राजा नाहर सिंह ने 1857 की क्रान्ति में विशेष भूमिका निभाते हुए 131 दिनों तक अंग्रेजों से भारत की राजधानी व दिल्ली के लाल किले की रक्षा की थी। इस युद्ध में हरियाणा व उत्तर प्रदेश की सर्वखाप पंचायतों ने भी अपने सैनिक भेजकर भयंकर युद्ध किया था। अंग्रेजों से 131 दिनों तक हुए इस प्रथम स्वतंत्रता संग्राम को अंग्रेजों ने गदर की संज्ञा दी थी। बाद में धोखे से बल्लभगढ़ में राजा नाहर सिंह को गिरफ्तार कर दिल्ली के लाल किले के सामने चांदनी चौंक कोतवाली के सामने राजा नाहर सिंह को सरेआम फांसी दी गई थी। जिसकी क्रान्ति की ज्वाला ने पूरे हिन्दुस्तान को जगा दिया था।
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Brief: 19 November 1835 – 17 June 1858. |
Brief: May 24, 1540 – January 19, 1597. |
Brief: 19 February 1630 – 3 April 1680 |
Brief: 9 December 1825–1863 |