पच्छोका:
गाम का पच्छोका मोखरे गाम का सै, जो रोहतक ज्य्ल्ये की महम तस्हील म्ह सै| बड्डे बुजर्ग बताया करें की गाम के "दादा नगर खेड़ा" का पथ्थर आज तैं कोए ३०० सालाँ पहल्यां धरया गया था| वें बताया करें के आज भी "मोखरा" गाम म्ह म्हारे गाम के उस टेम के पूर्वजां की बस्सास्त के खंडर आज भी मौजूद सें|
अजादी तैं पहल्यां का अय्तिहास: अज़ादी तैं पहल्यां गाम, पंजाब सूब्बे की रियासत म्ह आया करदा| गाम के वीर योध्धाओं नै बख्त-बख्त पै देश की खात्तर कई ढाळ के युद्ध अर आन्दोलनों म्ह अपणी वीरता की आहुति दे-दे कें गाम खात्तर गौरव कमाया सै फेर उन युद्ध अर आन्दोलना तान्ही बुलावा भारत माँ का रह्या चै खाप पंचाय्त का| हरयाणा के दुसरे गामाँ की ढाळ, न्यडाणे के हय्स्से म्ह भी स्वतन्त्रता सनानी थे| गाम का आपणा वीर सपूत, स्वर्गीय दादा चौधरी संता सिंह मलिक, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस क्यी अज़ाद हय्न्द सेन्ना के अमर स्य्पाही थे| आज भी मेरे अंतर्मन म्ह दादा की वा आभा छप र्ही सै, जिसनै देख कें म्यरा रोम-रोम खड्या हो जाया करदा, देशप्रेम की दीवानगी तो उनकी वेशभूषा पै हर-बख्त लगे हुए तमगे, नेता जी का बिल्ले तैं ए छ्ल्क्या करदी| न्यडाणा हाइट्स गाम के इसे-इसे महापुरसों की तलाश म्ह सै, जै थामने इसे दुसरे हुतात्मा का बेरा हो तै म्हारे तैं बताइयो! गाम के बड्डे बताया करें के ऊँ तै गाम की हर ज्यात म्ह योद्धा होए सें पर सबतें बड्डा योगदान जाट अर धाणकों (हरिजन) का रह्या सै|
ल्यजवाणा ग़दर अर न्यडाणा: १८५३ म इह्सा काळ पड्या अक गाम-राम सारा भूखा मरण लाग ग्या ऊपर तैं बेरहमी याह अक जींदीये राजे नै इन सब ह्लांता का मर्म होणे पै भी खिराज का भोज जन-सधारण पै लाड दिया (जो हो सके है के बदेशी शासकां के दबाव म करया गया हो)| दिख्दी सी बात थी अर बड्डे-बड़ेरे कहंदे भी आये सें न अक हरियाणे का अन्नदाता जब तक बर्दाश करे तो चूं भी ना करै पर जब उल्टा पड़े तो राजा तो के उसका हाथी भी गधा हो ज्या उस खात्तर अर याहे बात बणी, गाम का कसान अर कमेरा समाज इह्सा बफरा अक १८५७ के विद्रोह की जमीन तैयार कर दी अर खिराज देण तैं नाटगे| अर राज्जे की इस बेरहमी तैं इसी सोहार्द की जमीन तैयार होई अक सदा तैं दुश्मन रहे भी डब्बी बण गए| १८५३ तैं भड़का होया यू ग़दर क्यूँकर १८६३ तक पहोंच्या अर क्यूकर १८५७ म काबू तैं बाहर होया, क्यूकर न्य्न्गाहिया अर भूरा डब्बी बणे, न्यडाणे की इसमें के भागीदारी रही इस्पै तावला ए एक अभिलेख लिख कें इस साईट पै ल्याया जागा|
आर्य समाज अर न्यडाणा: स्वामी दयानंद सरस्वती जी नै १८७५ म जद आर्य समाज का गठन करया तो इसमें मूर्ती-पूजा का जो विरोध जताया गया वो न्यडाणा के किसान अर कमेरे वर्ग भोत भाया क्यों के बुतों की पूजा करना इनके खून म ए कोन्या, अर याह बात पूरे हरियाणा, आज के एन.सी. आर. अर पश्चमी उत्तर प्रदेश में भोत मान्यता तैं मानी जा सै, इसमें भी हरयाणा नै सबतें घणा अपणाया, अर नुए न्यडाणा म बणी| ज्यांते न्यडाणा आर्य समाज के सबतें बड्डे समर्थक गाम्मा म्ह गण्या जा सै| आडम्बरी अर ढोंगी मोडयां नै न्यडाणा गाम सांड छोड़ राख्या सै, मोडयां की भाषा म इसका मतलब सै अक न्यडाणे म आडम्बर करकें खाण का कोए राह कोन्या, काम करो अर फूलो अर फलो| यो हे म्हारे गाम का सबतें उपरला समाजिक अर संस्कृतिक सूत्र सै| अर क्यूंकि दोनुवाँ की सोच इतनी मलई इसे बात कै कारण आर्य समाज गाम मैं इतना मान्या गया|Nidana is believed to be one of most thorough follower of principals of Swami Dayananda Sarswati. It was the impact of Arya-Samaaj that village saw various anti-drug revolutions in past and recently in late 90s and 00’s under the leadership of her own son “Swami RatanDev Sarawati” who also established the present day very famous Girls Gurkul of “Kharal Village” with the motto of enhancing the Girl Education to new shores. You can read more on Village and its affiliation to Arya-Samaaj on “Culture” section. Village till date is believed to be among biggest practitioner of Arya Samaaj villages in Haryana.
अजादी पाच्छै का अय्तिहास: After the independence of India on 15th August 1947, the Kingship of Jind estate was resolved on the same pattern as other 563 emperor states into one constitution of India. Following which village came under the Punjab State and remains the part of Sangroor District until the formation of Haryana on 1st November 1966. After the partition of Haryana from Punjab, Nidana came under district Jind (one of six districts of the then newly reformed Haryana). Villagers have been making it big in Defense Services, two Nationwide Green and one White Revolutions, Agro-Businesses and Sports passionately. Now a day’s village youth is equipping with and entering to technical, research and modern management fields. Recently the ladies of village are making a big by leading the fresh agro revolution of anti-pesticides. You can read more about this revolution under “Agriculture” section.
ब्य्शेष: Thanks for helping NH in enlisting the freedom fighters, soldiers who laid their life for nation or took part in any of the wars for India and other unknown warriors of village across castes and religions. Nidana Heights (NH) would love to tribute its sincere salutation to them by bringing their story to world via this website. More point will be added in topic according to time and new content developed or received.
एतिहासिक हस्तियाँ: - स्वर्गीय चौधरी नम्बरदार दादा संता सिंह जी मलिक: स्वतंत्रता सनानी अर आज़ाद हय्न्द फौज के अमर स्य्पाही
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स्वर्गीय स्वामी रतन देव जी सरस्वती: थामने गाम की कन्या पाठशाळआ का व्य्स्तार करया अर गाम म्ह नशामुक्ति आन्दोलन के पुरोधा बणे
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स्वर्गीय रामपाल जी शास्त्री: थामने गाम को पराणा ब्धाला दिया
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स्वर्गीय चौधरी दादा जाग्गर सिंह मलिक: थामने गाम के पराणे ब्धाल्ले की जमीन दान म्ह दी
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१७ दानवीर जिन्ने नै गाम की कन्या पाठशाळआ म्ह कमरे दान दिए
(Read about these legends more on
“Culture” page)