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!!!......Healthy, Progressive Art and Life Traits is all what the civilizations are architected on. It defines the life and sensitivity in a society........!!!
!!!......स्वच्छ, प्रगतिशील कला और जीवन पर ही स्वच्छ लक्षण व् सभ्यता का निर्माण होता है| यह सूत्र ही समाज को जीवंत व् संवेदनशील बनाता है|......!!!
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!!!......Knowing present and past of prosperity, heritage, sagas of pride and laurel, hidden chapters and secrets of own or surrounding estate, village, state or nation provides the base of healthy nation cum capable society........!!!
!!!......स्वंय या आसपास की सम्पदा-गाँव-राज्य या देश की प्राचीन व् आधुनिक दोनों तरह की विरासत, समृद्धि, गौरव-गाथाओं व् शौर्यों, छुपे हुए अध्याय एवं रहस्यों को जान कर व् हर बच्चे को जनवा कर ही, एक स्वच्छ व् सक्ष्म राष्ट्र की नींव रखी जा सकती है|......!!!
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!!!......A child is not the child at the time of birth, rather it is the environment and surroundings inherited which decides it for him/her. At the very moment of birth, child's understanding equals the mixed maturity of genetic parents despite of their age......!!!
!!!......एक बच्चा जन्म के वक्त बच्चा नहीं होता, तथापि यह तो उसको विरासत में मिलने वाले माहौल व् परिवेश से निर्धारित होता है| एक बच्चे को माता-पिता जितनी समझ जन्म से होती है| अत: माता-पिता उसको उस स्तर का मान के उसका विकास करें|......!!!
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!!!......Own opinion, other's opinions, minding the opinion gap, bridging the opinion gaps amicably and soberly is what all a true Haryanvi chaupal defines and is called as........!!!
!!!......गंभीरतापूर्वक व् सौहार्दपूर्ण तरीके से अपनी राय रखना - बनाना, दूसरों की राय सुनना - बनने देना, दो विचारों के बीच के अंतर को सम्मान देना, असमान विचारों के अंतर भरना ही एक सच्ची हरियाणवी चौपाल की परिभाषा होती आई|......!!!
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!!!......Self-promotion void of obsession is a must to get the world acquaint with your existence........!!!
!!!......बिना किसी स्व-ग्रसित भावना से स्वंय को प्रोत्साहित व् प्रचारित करना ना सिर्फ अवश्यम्भावी है अपितु विश्व को अपने अस्तित्व से अवगत कराने का मार्ग भी है|......!!!
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!!!......Documentation of Civilizations makes sure the prideful and rectified motion of its generations......!!!
!!!......सभ्यताओं का प्रलेखन अपनी पीढ़ियों के गौरवपूर्ण व् संशोधित बहाव को सुनिश्चित करता है|......!!!
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!!!......Governance should be such that public would have maximum participation, direct control on it, timely and economic justice and public services delivery with responsibility defined on........!!!
!!!......अभिशासन ऐसा होना चाहिए जिसमें जनता की सीधी व् अधिकतम भागीदारी व् नियंत्रण हो| जिसमें समयबंधित व् जवाबदेही वाली न्याय प्रणाली व् जनसेवा सुविधा तंत्र स्थापित किया गया हो|......!!!
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!!!......One who doesn't know own roots and culture, their social identity is like a letter without address and they are culturally slave to philosophies of others......it's a website for root culture known as Haryanav........!!!
!!!......जो अपनी ऐतिहासिक जड़ों व् संस्कृति को नहीं जानते, उनकी सामाजिक पहचान एक बिना पते की चिठ्ठी जैसी होती है; ऐसे लोग सांस्कृतिक रूप से दूसरों की दार्शनिकता के गुलाम होते हैं| यह एक ऐसी संस्कृति को समर्पित वेबसाइट है जो "हरियाणव" के नाम से जानी जाती है|......!!!
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!!!......Education should be such that today's students to be tomorrow's autonomous intellectuals of from elementary to scientific knowledge and know how........!!!
!!!......शिक्षा व् शिक्षा प्रणाली ऐसी हो कि आज के विद्यार्थी युवान कल के ऐसे स्वायत्त बुद्धिजीवी कि उनको बुनयादी प्राथमिक जानकारी से ले वैज्ञानिक दृष्टिकोण की ज्ञान के साथ-साथ, उनके सामने आने वाली समस्याओं व् चेतावनियों का हल भी जानते हों|......!!!
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!!!......Wherever the word "Haryana" is used on this website, it is meant for modern Haryana, Delhi, Western U.P., Uttrakhand and Northern Rajsthan in collectivity. After the first independence revolution of India in 1857 this region was divided into four parts and keeping Delhi separately rest were merged into neighboring states by British rulers for their political and business purposes........!!!
!!!......इस वेबसाइट पर जहाँ-कहीं भी "हरियाणा" शब्द चर्चित हुआ है वह आज के आधुनिक हरियाणा के साथ-साथ दिल्ली, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड व् उत्तरी राजस्थान को इंगित करता है| क्योंकि प्राचीन व् वास्तविक हरियाणा इसी सारे क्षेत्र को मिला कर बनता है, जिसके कि १८५७ के स्वतंत्रता संग्राम के बाद इस क्षेत्र को सजा स्वरूप व् खुद के व्यापारिक व् राजनैतिक हितों हेतु अंग्रेजों ने टुकड़े करके सीमन्तीय रियासतों में मिला दिए थे|........!!! Dated: 01/10/2013
!!!......ईस्स बैबसैट पै जड़ै-किते भी "हरियाणा" अर्फ का ज्यक्र होया सै, ओ आज आळे हरियाणे की गेल-गेल द्यल्ली, प्यश्चमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड अर उत्तरी राजस्थान की हेर दर्शावै सै| अक क्यूँ, अक न्यूँ पराणा अर न्यग्र हरियाणा इस साबती हेर नैं म्यला कें बण्या करदा, जिसके अक अंग्रेज्जाँ नैं सन्न १८५७ म्ह होए अज़ादी के ब्य्द्रोह पाछै ब्योपार अर राजनीति मंशाओं के चल्दे टुकड़े कर पड़ोसी रयास्तां म्ह म्यला दिए थे|......!!!
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!!!......If you ate today, thank a farmer......One who doesn't know own roots and culture, their social identity is like a letter without address and they are culturally slave to philosophies of others......it's a website for root culture known as Haryanav......!!! Dated: 02/11/2012
!!!......अगर आपने आज खाना खाया, तो देश के किसान का धन्यवाद जरूर करें|......जो अपनी ऐतिहासिक जड़ों व् संस्कृति को नहीं जानते, उनकी सामाजिक पहचान एक बिना पते की चिठ्ठी जैसी होती है; ऐसे लोग सांस्कृतिक रूप से दूसरों की दार्शनिकता के गुलाम होते हैं| यह एक ऐसी संस्कृति को समर्पित वेबसाइट है जो "हरियाणव" के नाम से जानी जाती है.......!!!
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!!!......A website of local languages......All around aspects of rural life in Haryana should be digitized and made available from, through and/or across Internet globally.....!!! Dated: 23/05/2012
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!!!......A Local People Platform to excel in global environment while staying connected to purest form of its cultural roots……!!! Dated: 19/06/2012
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!!!......अपनी शुद्ध सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहते हुए वैश्विक परिवेश में उत्कृष्टता प्राप्त करने हेतु एक स्थानीय सामुदायिक मंच.....!!! Dated: 23/05/2012
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!!!.......Local thing for local man in local languages Hindi, Haryanvi and English. Culture page - Its all about Haryanav. Panchayat-Admin page - Its all about Governance and Admin. Agriculture page - In addition to how agro is done in Haryana, it is also about Flora-Fauna and Aroma of Haryana.....!!! Dated: 04/05/2012
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!!!.......सर्वप्रथम इन्टरनेट पे - आपके लिए, अपनों के द्वारा - तीन भाषाओं में - हरयाणव के कई रूपों में से एक रूप के बारे में.......!!! Dated: 19/04/2012
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!!!.......एन्टरनेट पै सबतें पहल्यां - थारी खात्तर, थारे अय्पणयाँ की सौगात - तीन बाणियां म्ह - हरयाणव के कई रूपां म्ह तैं एक रूप बाबत.......!!! Dated: 19/04/2012
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