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!!!......ईस्स बैबसैट पै जड़ै-किते भी "हरियाणा" अर्फ का ज्यक्र होया सै, ओ आज आळे हरियाणे की गेल-गेल द्यल्ली, प्यश्चमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड अर उत्तरी राजस्थान की हेर दर्शावै सै| अक क्यूँ, अक न्यूँ पराणा अर न्यग्र हरियाणा इस साबती हेर नैं म्यला कें बण्या करदा, जिसके अक अंग्रेज्जाँ नैं सन्न १८५७ म्ह होए अज़ादी के ब्य्द्रोह पाछै ब्योपार अर राजनीति मंशाओं के चल्दे टुकड़े कर पड़ोसी रयास्तां म्ह म्यला दिए थे|......!!!
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हरियाणवी पहेलियाँ - बूझो तो जाणां

कुल 74
  1. छोटी सी छोरी, रामदेई ना |
    चढ़ गी चोबारे, पाई-ए ना |
    बताओ के?

  2. रघा चाले रघ-रघ
    तीन मुंडी दस पग

  3. एक सींग की गा
    घाले उतना ए खा

  4. आरड- मर्ड की लाकडी
    अर्डाटा ठान्दी जा
    राजा बुझे रानी नु
    यो के जनावर जा

  5. हरी थी मनभरी थी,
    राजा जी के बाग़ म दौशाला ओढें खड़ी थी

  6. चार झोट्टी
    गल जोट्टी
    तडके-ए तड़क
    जोहड़ में जा लोटी

  7. दबी जावे
    दबी आवे
    घरां आण के
    मुंह बावे

  8. बड़ रे बड़,
    तेरी पाणी में जड़,
    तेरी चोटि में आग,
    तेरे लोग रहे लाग|

  9. साड़ी रात अडावे
    तडके-ए काढ बगावे

  10. दो माँ बेटी,
    दो माँ बेटी
    चाली बाग़ में जाँ
    तीन निम्बू तोड़ कें
    साबत -साबत खाँ

  11. में आई थी लेवण,
    तू लाग री थी देवण,
    जा तन्ने दे ली हो तो,
    में ले जाऊं|

  12. रात नु जा लुके,
    दिन में लिक्डावे,
    कती ना पेंडा छोड़े,
    गेल्याँ चाले जावे|

  13. उप्पर तें गल घोट्या
    तले तें दो मुंह छोटा

  14. चोमासे में अर्ड-मर्ड
    ना में डांगर
    ना में भरड

  15. पांणी तें में भर्या,
    आसमान में, में तर्या,
    जित चाहूँ, उड़ जाऊं,
    दुनिया की तष बुझाऊँ|

  1. तीतर के आगे दो तीतर
    तीतर के पाछे दो तीतर
    बताओ कितने तीतर

  2. चार मण के चार पाये
    चालीस मण की खाट
    अस्सी मण का कोठड़ा
    सौ मण का जाट

  3. अंत कटे तो बनता कोआ
    आदि कटे तो हाथी
    मध्य काटकर काज बनालो
    मैं हूँ सबका साथी

  4. काला बलध कलासिया,
    महल तले के जा,
    बारा नाथ घाल ली,
    फेर भी अरडान्दा जा|

  5. बेठा साल में
    पाँ पसारे गाल में

  6. सारे घर माँ के हंडआवे,
    पड़ी रह तो बाल खींडआवे

  7. खाली जावे,
    भर्या आवे|

  8. ऊंचे टिल्ले मेंहस अर्डावे,
    उसका काढ्या सब्कोये खावे|

  9. या गयी, या आई|
    एर तेरे धोरे-ए बताई |

  10. छोटी सी लुटिया
    कोड़ियाँ की भरी

  11. सौ दांदा का जबाडा,
    पर कदे ना चबाऊँ में|
    फेर भी घिस जावीं तो,
    नए कढ़वाऊँ में|

  12. अरड - मरअड़ की लाकडी,
    आरडाटा ठाआँदी आवे|
    जिह पे भी जा पड़े,
    उहे का जी काढ बगावे|

  13. जो मेरा स नाम,
    वो-ए मेरे बेटे का नाम,
    जा तू बता दे,
    बनज्यां सारे काम|

  14. एक बल्यांत का मेरा शरीर,
    भीतर भरी घणी तकरीर|

  15. उप्पर तें लट्ठ पड्या
    भीतर तें चिडपड्या
  1. राह मै पड़ी जंजीर
    क्यूकर ठाऊँ मेरे बीर

  2. अंगी -बांगी लाकडी ,
    राह में जा पड़ी |
    कोए ना उन्हें ठावे |
    माडी वार में सूख जावे |

  3. कटोरै मैं कटोरा
    छोरा बाप तैं बी गौरा

  4. एक खड़ी , एक पड़ी
    एक पै चालै गिरड़ी

  5. चार खड़ी,
    चार पड़ी |
    दो-दो,
    एक-एक ,
    में जुडी |

  6. मै हूँ एक फकीर
    मेरै पेट पै लकीर
    आऊं सूँ मै खाण कै काम
    मेरै बिन जीणा नहीं आसान

  7. में छोट्टा ,
    तू कोड बड्डा |
    मानने चुम्या ,
    तू रो पड़्या |

  8. घाम लगै तो पैदा होज्या,
    छायाँ मै यो मरज्या
    काम करै तो बी उपजै,
    हवा लगै तो मरज्या

  9. सरपट दोडै हाथ ना आवै
    घंटा उसका नाम बतावै

  10. धौली प्लेट मै काला रसगुल्ला

  11. नाचूं में हो के मगन,
    सर पे मेरे धरया ताज
    पायां नु देखूं रो पडूँ
    के स इहका राज

  12. बीस मंजिल का भवन खडया
    सर पे हरया ताज धरया

  13. बाप भलो, बेटो भलो,
    पोतो घनो सपूत,
    पोता के बेटो हुओ,
    चारो पीढ़ी ऊत!

  14. काली गाय कढ़ा में ब्वावे,
    दूर खड़ा ने मारण आवे

  15. जाड्डयाँ में मोटी
    गर्मियां में माड़ी
    घेटी तलां कर कें
    कट्ठी चालें सारी
  1. छोटा सा छोरा,
    कित जा गा?
    --ताऊ आले खेत|
    के खा गा?
    -- बालू रेत|

  2. जोहड़ माँ ते लिकड़ा भड्रक-भू
    चार पाच्छे एक मुह!

  3. काला सूँ में काला सूँ
    काले जंगल में रहूँ सूँ
    लाल पांणी पीऊँ सूँ
    धोल्ले अंडे दूं सूँ

  4. प्यार करूँ तो घर चमका दयूं
    वार करूँ तो ले ल्यूं जान
    जंगल मैं मंगल कर दयूं
    कदे कर दयूं मैं गाम बिरान,

  5. एक चीज गजब की देखी
    जिन्दै मैं तैं मुरदा लिकडै
    अर मुरदै मै तैं जिन्दा

  6. मैं एक छोटी सी छोरी,
    सबकै साथ मैं रोटी खाऊं
    कोए मैंने ना रोक सकै,
    ना ए मैं शरमाऊं

  7. पीली सूँ ,में पीली सूँ
    माटी के बिल में रहू सूँ
    बालकां के डले सहूँ सूँ
    ना तो डस लूंगी कहूं सूँ

  8. सरसोली तें चाल्या,
    माथोली पे आया,
    च्यूंटकोली में पकड्या गया,
    हाथोली में मार्या|

  9. एक नारी इस्सी देखि,
    जो गोली खावे|
    जिह पे भी थूके,
    वो-ए मर जावे|

  10. तेरा भी वो मामा ,
    मेरा भी वो मामा,
    मामा का भी वो मामा,
    यो रिश्ता कुकर जम्या|

  11. चार बांह ,एक शरीर,
    लागे जब होवे पीड|

  12. राम दिया शाप
    आँख गई फूट
    काणा होया आप
    कनाग्तां मचावे लूट

  13. पतला सूँ, जब चोटी बधाऊँ
    करडा होज्याँ, जा सो जाऊं
    खट्टा हो ज्यां, जब घर-घर मांग्या जाऊं|

  14. जाड्डयाँ में जड़ाई मरी,
    गर्मियां में लुको धरी|

  15. एक जानवर इस्सा देख्या
    जिह के पेट में तेल,
    चोटी में लागरी आग
    अन्धेरा होर्या रेल

जबाब आडै रळए पड़े सें: धुम्मा, खेत जोंते-हाळी अर उसके बळद, हाथ आली चाकी, हवाई जहाज, मकई की कुकड़ी, रई, जूत्ती, होक्का, अरळी (काठ का मुस्सळ), नानी-माँ-बेटी, तीन, हाथी, कागज, ओळआ, ढोल, दीवा, भुवारी, रहट-टोकणी, चक्की, नजर, दांतों भरा मुंह, सांप, गोमूत्र, नारियल, इंधन के चूल्हे पे रोटियाँ, खाट, गंहू का दाणा, माछर, पसीन्ना, बख्त, आँख, कस्सी-ज्वार का दाना, रई, ढेरा, बल्ब, माक्खी, अंडा, भिरड़, ढेरा, बन्दूक, चाँद, भुवारी, परछाई, पजामा, मंडक, बादळ, दरांती, बिजळी, कय्ताब, गण्डा, मोर, गण्डा, गण्डा-गुड़-राब-शराब या दूध-दही-घी-छाय, बन्दूक, भेड़, सांटा, काग्गा, दूध, लाह्स्सी, बोत्तल आला दिवा
  1. सिद्धा - खब्बा डोलूं
    तेरी नक़ल कर बोलूं

  2. तीन भाण भाई
    कट्ठे करें जुताई
    ना कोए साळआ-साळी
    रुखाळआ उनका हाळी

  3. नाण दे जिन्दगी
    नाण दे मोत
    एक हफ्ते का जीवन
    बताओ ताव्ले, वार होगी भोत|

  4. बाजू सूँ, ना में ढोल,
    गाऊँ सूँ, ना कोए मोल,
    बालक बुड्डयाँ का में प्यारा
    ना में बिन्जो, ना इकतारा|

  1. हांडी सै सर मेरा
    कुडता पहरावे जेठ
    एक टांग पे शरीर मेरा
    वो भी बिना पेट

  2. लटकमलोरी - लटकमलोरी
    कड के उप्पर धारें छोरी

  3. हजार पायां का शारीर,
    ना धारूँ कोए चीर
    लोग मेरा काला भुंडा
    पाछे ला राख्या लाल्टनिया टुंडा|

  4. बेठक मेरी आळी
    में सूँ चम्भो-चाळी
    बत्तीस मेरे रुखाळए
    ना भाई, ना साळए

  1. कदे ना बडूं
    चाहे सामण
    चाहे जेठ
    पर में लिकडू
    जब आवे जेठ

  2. गाभरू ने में छेड़ूँ ना,
    बालक मेरा भाई,
    बुड्ढे नु में छोडूँ ना,
    चाहे ओढ़ ले रजाई|

  3. जिन्दगी मेरी काठ
    खसम मेरा जाट

  1. म्हारा जोड़ा बड़ा कसूत
    हळवे-भारया नें देवें कूट|

  2. ना खाऊँ, ना खावण द्यूं
    एर ना मुंह बावण द्यूं

  3. मेरा नाम
    मेरे बाप का नाम
    दादा, परदादा का भी
    नाम एक समान

जबाब आडै रळए पड़े सें: तोता, खेत म खड्या डराना पुतळआ, ओह्ल्ला, कुण्डी-सोटा (उखळ-मूसळ), फाळी-घोसुआ-कांय्त, चोटी, जाड्डा, काटड़ू की छींकी, मींढी-चुंडा, रेल, खाती, आम्ब, रेडवा, जीभ

जय दादा नगर खेड़ा बड़ा बीर


लेखन अर सामग्री सौजन्य: रविंदरजीत सिंह बल्हारा (रवि अतृप्त)

तारय्ख: 05/03/2013

छाप: न्यडाणा हाइट्स

छाप्पणिया: न्य. हा. शो. प.

ह्वाल्ला:
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आग्गै-बांडो
न्य. हा. - बैनर अर संदेश
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