जनसँख्या विस्तार:
गाँव में कुल ७५९ घर हैं| भारतीय जाति व्यवस्था के अनुसार गाँव में १५ जातियों के लोग रहते हैं| गाँव में चार बड़ी जातियाँ जाट, ब्राह्मण, कबीरपंथी और रविदासी गाँव की कुल जनसख्या का ८०% से ज्यादा हिस्सा बनाती हैं | दांई और के आंकड़े जनसँख्या को जातीय आधार पर घटते क्रम में दिखाती है|
किस-किसको गिना गया है: ये आंकड़े इन पैमानों पर बनाए गए हैं|
- गाँव में रहने वाले लोग
- जो गाँव में जन्मे और पले बड़े हुए
- जिनके माता-पिता निडाना से हैं
- जिनका वोटिंग अधिकार अभी भी गाँव में पत्रित है(बजाये इसके की वो गाँव में हैं या बाहर चले गए हैं)
महिला-पुरुष अनुपात: हमारे विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, गाँव की वर्तमान जनसँख्या कुल ४२५० है जिसमे २३५५ पुरुष और १९०५ महिलायें हैं|
वोटर सूची:
निडाना - विधानसभा जुलाना (34), जिला जींद, हरियाणा| गाँव के तीन मतदान केंद्रों पर वितरित कुल वोट 3070, की सूची इस प्रकार है:
मतदान केंद्र संख्या 53 हवाला-2 - कुल मत 1344 - पूरी सूची के लिए यहां क्लिक करें
मतदान केंद्र संख्या 54 हवाला-2 - कुल मत 620 - पूरी सूची के लिए यहां क्लिक करें
मतदान केंद्र संख्या 55 हवाला-2 - कुल मत 1110 - पूरी सूची के लिए यहां क्लिक करें
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गाँव की आबादी का जातिगत सांख्यिक वितरण |
जाति |
गोत्र |
श्रेणी |
जनसँख्या |
जाट |
मलिक * |
सामान्य |
2250 |
बाह्मण |
भारद्वाज * |
सामान्य |
720 |
हरिजन - कबीरपंथी |
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एस सी - बी |
350 |
हरिजन - रविदासी |
रंगा *, सरोहा, गोरैया |
एस सी - ए |
350 |
एह्ड़ी |
नायक-राजपूत |
बी सी |
80 |
बनिया |
गर्ग * |
सामान्य |
50 |
नाई |
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बी सी |
30 |
छिम्बी |
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बी सी |
35 |
खात्ती |
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बी सी |
45 |
सुनार |
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सामान्य |
40 |
तेली |
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बी सी |
20 |
झिम्मर |
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बी सी |
20 |
डूम (मिरासी) |
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एस सी |
140 |
कुम्हार |
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बी सी |
80 |
लुहार |
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बी सी |
20 |
कुल |
4260 |
* = खेड़े का गोत्र |
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निडाना के प्रवासी:
इस भाग में बताया गया है कि कैसे जिंदगी की बदलती जरूरतों और व्यवसाय एवं आजीविका की वरीयताओं के चलते कौन, कब और कहाँ जा के विस्थापित हुआ|
ललित खेड़ा गाँव: बढ़ती हुई जनसँख्या की समस्या से निजात पाने हेतु सन १८६८ में उस वक्त की जींद रियासत के महाराजा ने निडाना, लुदाना और भड्ताना गाँव के लोगों को एक नया गाँव बसाने को आमंत्रित किया| और इस तरह निडाना गाँव की जमीन को इसके लिए चुना गया और तब से निडाना गाँव की जमीन निडाना और ललित खेड़ा गाँवों के बीच बंट गई|
वर्तमान ललित खेड़ा: ललित खेड़ा की स्थापना के कुछ साल बाद, लुदाना और भड्ताना गाँव के लोग वापिस अपने-अपने गाँव लौट गए और तब से ललित खेड़ा पूर्णत: निडाना गाँव के वंशजों का गाँव है| गाँव, निडाना गाँव की उत्तर-पूर्वी धरती पर बसा हुआ है और दोनों गाँवों में चूल्हा-रोटी का रिश्ता और भाईचारा आज भी बरक़रार है|
निडानी: निडानी गाँव के मलिक गोत्र के जाटों के पूर्वज निडाना से आके निडानी बसे थे| निडानी में रहने वाले मलिक गोत्र के कितने लोग निडाना से हैं यह अभी सुनिश्चित करना अभी बाकी है|
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जींद रियासत के महाराजा रघुवीर सिंह |
देश के शहरों को जाने वाले: बनिया जाति, गाँव की इकलौती ऐसी जाति है जो बदलते व्यवसायिक और आजीविका की प्राथमिकता के चलते गाँव को छोड़ पूरी तरह देश के भिन्न-भिन्न शहरों में विस्थापित हो चुकी है| हालाँकि इनमे से कइयों की जमीन-मकान अभी भी गाँव में हैं|
इनके अलावा गाँव की अन्य सभी जातियों से बहुत से ऐसे परिवार हैं जो रोजगार और बदलती व्यापारिक परिस्थतियों के चलते गाँव से दूसरे शहरों में जा बसे हैं| जल्द ही इनकी एक पूरी सूची बने जाएगी|
गाँव के परदेशी:
गाँव के तकरीबन १५ से १८ लोग ऐसे हैं जो ऊंची पढाई या रोजगार के चलते दूसरे देशों में भी जा के बसे हैं| इनमे से:
इनमें से ४ लोग कनाडा में रहते हैं|
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६ अमेरिका में
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३ आस्ट्रेलिया में
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२ फ्रांस में
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और १ ब्रिटेन में
इसमें सबसे गौरवशाली बात यह है की गाँव से निकल कर विदेश में जा के बसने वाली पहली शख्स गाँव की एक बेटी थी बाकी सब उसके बाद बाहर गए| जल्द ही ऐसे परदेश में जाने वालों की सही-सही संख्या मालूम कर यहाँ डाली जाएगी|
पाकिस्तानी शरणार्थी: जब १९४७ में देश आज़ाद हुआ तो भारत माँ के बंटवारे का कलंक भी साथ चला आया, जिसके चलते पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू भाईयों ने सबसे ज्यादा हरियाणा की धरती पर ही शरण ली| सिरसा से चल के फतेहाबाद, हिसार, हांसी, जींद, महम, रोहतक और फिर दिल्ली तक की रास्ट्रीय राजमार्ग के दोनों और की ही धरती ऐसी धरती है जिसपे पाकिस्तान से विस्थापित हिन्दू भाईयों को लगभग हर गाँव और शहर में शरण मिली और इस शौभाग्य का भागीदार निडाना गाँव भी बना| उस वक़्त गाँव में भी कई पाकिस्तानी पंजाबी परिवारों को गाँव के लोगों ने हृदय से लगा अपने यहाँ उनका स्वागत किया| कुछ साल पहले तक गाँव में कई ऐसे परिवार थे, अब कितने बचे हैं या सब शहरों को चले गए हैं इसकी पुष्टि करना बाकी है|
दूसरे राज्यों से आकर बसने वाले लोग: अच्छे रोजगार और एक बेहतर जिंदगी की तलाश में रोज पड़ोसी एवं उत्तर-पूर्वी राज्यों जैसे उत्तर-प्रदेश, बिहार, पश्चिमी बंगाल और कभी-कभी नेपाल से लोग हरियाणा में स्थान्तत्रित होते रहते हैं| इनमें से कुछ तो फसलों के चक्र के अनुसार और जयादातर स्थाई तौर पर यहाँ बसने के लिए आते हैं| सो ऐसे ही निडाना गाँव में भी इनकी काफी संख्या आती रहती है और कुछ तो गाँव में ही स्थाई तौर पर बस गए हैं|
विशेष: समय-समय पर नए बिंदु और जानकारी जोड़ी जाती रहेगी|