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कम्पकंपांदे पाळे अर धुंध, कोल्हुआं की चरणांदी गिरारियों, तात्ते-तात्ते गुड़ अर गुणगुणे घाम म्ह चरखा कातदी दादियां के चरखे की चरण-चरण अर घूं-घूं का मिन्हा
'पौह'
बुड्ढे हाड्डाँ में गडी ज्यब - जाड्डै की फाँस; पालै तै स्यरसम डरी - रुँधी चणै की साँस |
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Pronunciation: पौह (Hariyanvi), पोष (Hindi), Poh/Posh (English)
बाबत: "साल के इस मिन्हे का हरियाणे (आज का हरियाणा, हरित-प्रदेश, दिल्ली अर उत्तरी राजस्थान) खात्तर के मतलब अर अहमियत हो सै" |
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पौह का मिन्हा, हरयाणा अर अनुष्ठान-संस्कार:
हिन्दू वैदिक कलैण्डर के ह्यसाब तैं साल का दसमा मिन्हा हो सै पोह|
पौह के तीज अर त्यौहार अर बड्डी तारयख:
मकर सक्रांति (संक्रांत):
गुरु गोबिंद सिंह जयंती:
राजा नाहर सिंह शहीदी दिवस:
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पौह के पारम्परिक लोक-गीत (विडियो-ऑडियो):
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खेती अर किसान खात्तर पौह की महिमा:
पौह के खानपान-मिष्ठान: दूध-घी-खोये के घर के बणे लाड्डू, |
पौह का मिन्हा तस्वीरों म |
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जय दादा नगर खेड़ा बड़ा बीर
विशेष: पौह के मिन्हे पै न्यडाणा हाइट्स की खोज लगातार जारी सै। म्हारी साईट के इस पद-भाग का उद्देश्य सै पौह अर हरियाणवी का जो भी मेळ-मान-मनुहार-लाग-लपेट तैं यें एक-दूसरे तैं जुड़े सें वें सारी बात कट्ठी इस भाग म्ह संजोणा। जै थाहमनैं इस भाग म्ह किसे भी हिस्से म्ह कोए कमी नजर आवै, या कोए चीज छूटी होई दिख्खै तो हाम्नें इस पते पै जरूर ईमेल करें: nidanaheights@gmail.com हाम्में थाहरे नाम की गेल वा चीज इसे भाग म्ह प्रकाश्यत करांगे|
लेखन अर सामग्री सौजन्य: .......
तारय्ख: 00/00/0000
छाप: न्यडाणा हाइट्स
छाप्पणिया: न्य. हा. शो. प.
ह्वाल्ला:
हरियाणवी समूं अर उसकी लम्बेट
नारंगी मतलब न्यगर समूं, ह्यरा मतलब रळमा समूं
हरियाणवी तारय्खा के नाँ
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न्य. हा. - बैनर अर संदेश |
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“दहेज़ ना ल्यो" |
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यू बीर-मर्द म्ह फर्क क्यूँ ? |
साग-सब्जी अर डोके तैं ले कै बर्तेवे की हर चीज इस हाथ ले अर उस हाथ दे के सौदे से हों सें तो फेर ब्याह-वाणा म यू एक तरफ़ा क्यूँ, अक बेटी आळआ बेटी भी दे अर दहेज़ भी ? आओ इस मर्द-प्रधानता अर बीरबानी गेल होरे भेदभाव नै कुँए म्ह धका द्यां| - NH |
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“बेटियां नै लीड द्यो" |
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कन्या-भ्रूण हत्या ख़त्म हो! |
छोरी के जन्म नै गले तैं तले ना तारणियां नै, आपणे छोरे खात्तर बहु की लालसा भी छोड़ देनी चहिये| बदेशी लुटेरे जा लिए, इब टेम आग्या अक आपनी औरतां खात्तर आपणे वैदिक युग का जमाना हट कै तार ल्याण का| - NH |
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“बदलाव नै मत थाम्मो" |
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समाजिक चर्चा चाल्दी रहवे! |
बख्त गेल चल्लण तैं अर बदलाव गेल ढळण तैं ए पच्छोके जिन्दे रह्या करें| - NH |
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