व्यक्तिगत विकास
 
ऊंची सोच
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!!!......एक बच्चा जन्म के वक्त बच्चा नहीं होता, तथापि यह तो उसको विरासत में मिलने वाले माहौल व् परिवेश से निर्धारित होता है| एक बच्चे को माता-पिता जितनी समझ जन्म से होती है| अत: माता-पिता उसको उस स्तर का मान के उसका विकास करें|......!!!
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ऊंची सोच, पक्का इरादा और कड़ा संघर्ष, सफलता की गारंटी है|
प्रस्तुत है 50 ऐसी राष्ट्रीय एवं अन्य-राष्ट्र शख्सियतें, जिन्होनें जीवन से विषम परिस्थितियों में अपने अस्तित्व को सिद्ध किया|

किसी भी व्यक्ति को किसी भी क्षेत्र में ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए ऊंची सोच, उद्देश्य के लिए पक्का इरादा और इसकी प्राप्ति के लिए कभी हार न मानने वाले लगातर संघर्ष की आवश्यकता होती है। गरीबी किसी भी व्यक्ति को महान बनने में बाधा नहीं, बल्कि अधिकतर गरीब लोग ही महान बने। कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:

भारतीय शख्सियतें:
  1. चौधरी छाजूराम (Ch. Chhajju Ram) एक गरीब किसान के घर पैदा हुए, किराया उधार लेकर कलकत्ता पहुंचे और वहां पर एक बंगाली इंजीनियर के बच्चों को प्रति माह एक रूपया ट्यूशन लेकर कई दिनों तक पढ़ाया तथा बाद में बारदाना का कारोबार शुरू किया और एक दिन कलकत्ता में जूट बादशाह कहलाए।

  2. सेठ घनश्याम दास बिड़ला (Seth Ghanshyamdas Birla) चौ. छाजूराम के ही मकान के एक कमरे में सोते थे, खाना बनाते थे तथा कपड़े धोते थे। उनकी मृत्यु के समय बिड़ला ग्रुप की 200 कंपनियां थीं, जिनके पास ढ़ाई हजार करोड़ रूपए की संपत्ति थी।

  3. चौ. छोटूराम (Ch. Chhotu Ram) के पिता जी एक कर्जदार किसान थे, लेकिन चौ. छोटूराम ने करोड़ो किसानों और गरीबों को कर्जमुक्त करके उनकी किस्मत को बदल डाला।

  4. धीरूभाई अंबानी (Dheerubhai Ambani) कभी एक पैट्रोल पंप पर लोगों की गाडिय़ों में तेल डाला करते थे, आज उनके द्वारा स्थापित की गई रिलायंस कंपनी का कारोबार आधी दुनिया में फैल चुका है।

  5. करसन भाई पटेल (Karshanbhai Patel) कभी एक सरकारी प्रयोगशाला में छोटी सी नौकरी किया करते थे लेकिन उन्होंने अपने प्रयोगों से निरमा डिटरजेंट पाऊडर की खोज की और उन्होंने पूरे देश की कपड़ा धोने की आदतों को साबुन से डिटरजेंट में बदल डाला।

  6. लक्ष्मी मित्तल (Laxhmi Mittal) पश्चिमी राजस्थान के ऐसे गांव में पैदा हुए, जिसमें न बिजली, न पानी और न ही कोई सडक़ थी, लेकिन उन्होंने दुनिया की सर्वश्रेष्ठ स्टील कंपनी को स्थापित किया और इंगलैंड में सन् 2004 में सात करोड़ पाऊंड का दुनिया का सबसे महंगा घर खरीदा।

  7. नारायणमूर्ति (Naryanamoorti) के पिताजी एक छोटे से स्कूल के अध्यापक थे, लेकिन नारायणमूर्ति ने अपनी नौकरी छोडऩे के बाद व्यवसाय शुरू किया और विश्व स्तरीय इनफोसिस कंपनी की स्थापना कर डाली।

  8. भारत वर्ष के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shashtri) का परिवार इतना गरीब था कि उनको गंगा के उस पार नाव द्वारा स्कूल में जाने का पैसा भी नहीं होता था और उन्हें तैरकर आना-जाना पड़ता था।

  9. वर्तमान में हीरो साईकिलों के निर्माता मुंजाल ब्रदर्स (Munjal Brothers) के दादा जी लुधियाना में एक साईकिल मरम्मत की दुकान चलाते थे, लेकिन वर्तमान में यही हीरो साईकिल के निर्माता तथा सोइशिरो होंडा ने मिलकर हीरो होंडा मोटरसाइकिल कंपनी की स्थापना की और इन्हीं की मोटरसाइकिलों पर वर्तमान में हर जगह भारतीय लोग सफर करते हुए नजर आते हैं।

  10. भारत वर्ष के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम (Dr. A.P.J. Abdul Kalam) के पिताजी एक मछुआरे थे और कलाम साहब बचपन में गरीबी के कारण अखबार बेचा करते थे और एक दिन वे मिसाइलमैन कहलाए तथा उन्हें भारत रत्न से नवाजा गया।



अन्य राष्ट्र शख्सियतें:
  1. जापान के सोइशिरो होंडा (Soichiro Honda) का सब कुछ द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरीकी बमबारी में तबाह हो गया था, केवल उसकी पत्नी के गहने शेष बच गए और इन्हीं गहनों की बदौलत उन्होंने कारोबार शुरू किया और एक दिन दुनिया की बेहतरीन ऑटोमोबाइल कंपनी होंडा की स्थापना की।

  2. एक गरीब किसान के घर पैदा होने वाले हैनरी फोर्ड (Henry Ford) ने अमेरीका में कारों की लोकप्रिय कंपनी फोर्ड की स्थापना की।

  3. फ्रेंक वूलवर्थ (Frank Woolworth) जिसे बचपन में गरीबी के कारण छह महीने नंगा रहना पड़ता था और सर्दियों के कपडे पहनने के लिए नहीं होते थे, लेकिन वे एक दिन दुनिया के महान रिटेल व्यवसायी बने और सन् 1913 में उस समय की सबसे ऊंची इमारत बूलवर्थ बिल्डिंग का निर्माण करवाया।

  4. जॉन. डी. रॉकफेलर (John D Rockefeller), जो अपनी 16 वर्ष की अवस्था में गरीबी के कारण बुककीपर का काम करते थे, उन्होंने विख्यात स्टैंडर्ड ऑयल कंपनी की स्थापना की और अमेरीका के प्रख्यात उद्योगपति बने।

  5. एंड्रयू कार्नेगी (Andrew Carnegie) एक सूती मिल में मजदूरी किया करते थे, लेकिन एक दिन वे अमेरीका के प्रख्यात उद्योगपति और स्टील किंग कहलाए।

  6. मैडम सी. जे. वाकर (Madam C. J. Walker) एक गरीब किसान माता-पिता के साथ दिहाड़ी पर मजदूरी करके पली थी, जो बचपन में ही अनाथ हो गई, लेकिन इन्होंने एक दिन औरतों के लिए शैंपू और क्रीम का फार्मूला तैयार किया और अमेरीका की विख्यात उद्योगपति बनी।

  7. एस्टी लाडर (Estee Lauder) कभी न्यूयार्क की झुग्गी झोंपड़ी बस्ती में रहकर बड़ी हुई, जिसे बचपन में कभी भी पेट भरकर खाना नसीब नहीं हुआ, लेकिन बाद में उन्होंने अमेरीका की सबसे बड़ी कास्मेटिक फर्म की स्थापना की और इन्होंने दुनिया में सबसे पहले सामान के साथ मुफ्त उपहार देने की परंपरा शुरू की।

  8. सैम वाल्टन (Sam Walton) कभी अमेरीका में सात साल की उम्र में सवेरे मुंह अंधेरे ही गायों का दूध निकालकर लोगों के घरों में अखबार बांटा करते थे, लेकिन उन्होंनें बाद में फोब्र्स मैगजीन की स्थापना की और इन्हें सन् 1885 में अमेरीका का सबसे अधिक अमीर घेाषित किया गया।

  9. बेरी गोर्डी (Berry Gordy) का जन्म अमेरीका की एक डेट्राइट नाम की झुग्गी में हुआ। इनको संगीत का बहुत बड़ा नशा था और इसी जुनून के कारण इन्होंने एक दिन मोटाटाऊन रिकार्ड्स जैसी विश्वविख्यात कंपनी की स्थापना कर डाली।

  10. टॉम मोनाघन (Tom Monaghan) ने अपने माता-पिता को बचपन में ही खो दिया था और इनकी पालना एक अनाथालय में हुई, लेकिन इन्होंने एक दिन अमेरीका में सबसे बड़ी पिज्जा कंपनी डोमिनोज की स्थापना कर डाली, जो आज करोड़ों डॉलर के मालिक हैं।

  11. टेड टर्नर (Ted Turner) जो अक्सर बचपन में अपने माता-पिता से अपने निकम्मेपन की वजह से पिटते रहते थे और फिर सेल्समैन का काम करते हुए बाद में केबल के गॉडफादर तथा सीएनएन के संस्थापक बने जो वर्तमान में तीन बिलियन डॉलर से अधिक संपत्ति के स्वामी हैं।

  12. रिचर्ड बान्सन (Richard Branson) कुछ भी न करने वाला एक जिद्दी लडक़ा था। एक दिन उसकी माता उसे आठ साल की उम्र में लंदन ले गई और उसे एक सुनसान मैदान में अकेला छोड़ दिया और यह चुनौति देकर आ गई कि वह अपना रास्ता स्वयं खोजे। इसी पर इस बच्चे ने ऐसा सबक सीखा कि एक दिन उसने विख्यात वर्जिन एयरवेज की स्थापना कर डाली।

  13. डेबी फील्ड्स (Debbi Fields), जो बचपन में एक परिवार के बच्चे को संभालने की नौकरी किया करती थी, एक दिन दुनिया के लिए चाकलेट चिप-कुकीज की स्थापना कर डाली, जिसके वर्तमान में 1553 स्टोर हैं।

  14. दुनिया में कंप्यूटर क्रांति के जनक बिल गेट्स (Bill Gates) कभी अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए थे।

  15. इसी प्रकार इटली के गेलिलियो गैलिली (Galileo Galilei) भी अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए थे, लेकिन वे महान खगोल शास्त्री बने, जिन्होंने अरस्तु के सिद्धांत को भी गलत साबित कर दिया।

  16. महान वैज्ञानिक सर आईजैक न्यूटन (Isaac Newton) के पिता उनके जन्म से पहले ही गुजर गए और वे जब तीन साल के थे, उनकी माता दूसरी शादी करके उनको छोड़ गई। वे केवल दो साल तक स्कूल में पढ़ पाए, लेकिन उन्होंने एक के बाद एक वैज्ञानिक खोज कर डाली।

  17. चेचक के टीके की खोज करने वाले एडवर्ड जैन्नर (Edward Jenner) अपनी गरीबी में अपनी खोज के लिए पूरे बीस साल तक लगे रहे और टीके की खोज करने के बाद भी किसी भी गरीब से इन्होंने टीके के पैसे नहीं लिए।

  18. गैसों को द्रव्य अवस्था में लाने की विधि खोजने वाले माइकल फैराडे (Michael Faraday) एक गरीब लोहार के बेटे थे, जिन्हें 13 साल की उम्र में स्कूल छोडऩा पड़ा।

  19. चार्ल्स डार्विन (Charles Darwin) बचपन में पढ़ाई में बहुत कमजोर थे, लेकिन उन्होंने अपने जनूनी स्वभाव के कारण दुनिया को ओरिजन ऑफ स्पीशीज का सिद्धांत दिया, जिससे दुनिया के धर्मों के सिद्धांतों में उथल-पुथल मच गई और यहां तक कि इसी कारण इनकी पत्नी ने इन्हें तलाक दे दिया।

  20. एन्थ्रैक्स, हाइड्रोफोबिया और रैबीज जैसी गंभीर बीमारियों के ईलाज ढूंढने वाले लूई पास्चर (Louis Pasteur) एक जूती गांठने वाले पिता के पुत्र थे। इनके आधे शरीर को लकवा मार जाने पर भी वे हमेशा अपनी खोजों में जुटे रहे और दुनिया को इन बीमारियों से निजात दिलवाई।

  21. बिजली के बल्ब और रिकार्ड प्लेयर जैसे अनेकों उपयोगी आविष्कार करने वाले थामस एडीसन (Thomas Edison) के शिक्षक ने साफ कह दिया था कि वे जीवन में न तो कुछ सीख सकते हैं और न ही कुछ बन सकते हैं और वे केवल तीन महीने स्कूल गए। उन्होंने जो कुछ भी पढ़ा, अपने घर और लाइब्रेरियों में ही पढ़ा।

  22. टेलीफोन का आविष्कार करने वाले अलैक्जेंडर ग्राहम बेल (Alexander Graham Bell) को बचपन में एक आवारा लडक़ा समझा गया।

  23. दुनिया में दो नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाली इकलौती महिला मैरी क्यूरी (Marie Curie) बचपन में अपनी मां की मृत्यु के बाद तथा पिता का सब कुछ चौपट होने पर ये सफलताएं उन्होंने प्राप्त कीं।

  24. सबसे पहले हवाई जहाज उड़ाने वाले राईट बंधु (Wright Brothers) हाई स्कूल पास भी नहीं थे। वे केवल साईकिलों की दुकान में काम किया करते थे, परंतु एक दिन उन्होंने दुनिया को हवा में उडऩा सिखा दिया।

  25. सबसे पहले रेडियो सिग्रल का आविष्कार करने वाले तथा नोबल पुरस्कार विजेता मार्कोनी (Marconi Guglielmo) ने अपने ये आविष्कार केवल 27 साल की उम्र में ही कर लिए थे।

  26. प्रख्यात वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein), जिन्होंने दुनिया को सापेक्षता का सिद्धांत दिया और नोबल पुरस्कार प्राप्त किया, को स्कूल में एक अयोग्य छात्र मानकर प्रवेश से मना कर दिया गया था।

  27. जॉन बनियन (John Bunyan) के पिता बर्तन सुधारने का काम करते थे और वे भी अपने पिता के काम में लग गए, लेकिन एक दिन उन्होंने अंग्रेजी भाषा में बाइबल के बाद सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तक पिलग्रिम्स प्रोगे्रस लिख डाली।

  28. अठारवीं सदी के प्रख्यात आलोचक निबंधकार, पत्रकार और उपन्यासकार सेमूअल जॉन्सन (Samuel Johnson) के पास बचपन में अपने मोटे शरीर को ढांपने के लिए कपड़े भी नहीं होते थे और बचपन में एक बीमारी के कारण उनका चेहरा विकृत हो गया तथा उनकी एक आंख भी चली गई थी। इन्होंने ही अंग्रेजी भाषा का पहला शब्दकोष तैयार किया।

  29. ब्रिटिश के प्रख्यात उपन्यासकार चाल्र्स डिक्कन (Charles Dickens) अपनी गरीबी के कारण केवल चार साल ही स्कूल जा पाए थे, लेकिन उन्होंने अनेकों लोकप्रिय उपन्यास लिखे।

  30. दुनिया को साम्यवाद का सिद्धांत देने वाले काल माक्र्स (Karl Marx) के पिताजी ने पैसे के लोभ में यहूदी धर्म छोडक़र ईसाई धर्म ग्रहण किया, लेकिन उसके बेटे ने धर्मों को मानने से ही मना किया और कहा कि धर्म जनता की अफीम है।

  31. इंगलैंड में शेक्सपीयर के बाद जॉर्ज बर्नार्ड शॉ (George Bernard Shaw) दूसरे महानतम नाटककार हुए, जिनकी मां ने इनको टयूशन करके पाला था।

  32. विश्व के महानतम कहानी लेखक ओ. हैनरी (O. Henry) केवल आठवीं पास थे|

  33. वहीं दूसरी ओर विश्व के महान उपन्यासकार, नाटककार एवं लेखक मैक्सिम गोर्की (Maxim Gorky) एक गरीब किसान के घर पैदा हुए, जिनकी कोई भी स्कूली शिक्षा नहीं थी अर्थात अनपढ़ थे।

  34. हैरी पॉटर की लेखिका जे. के. रोलिंग (J. K. Rowling) इतनी गरीब थी कि उसने अपना पहला उपन्यास रद्दी कागजों पर लिखा था, लेकिन आज वे ब्रिटेन की महारानी से अधिक अमीर हैं।

  35. अमेरीका के प्रथम राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन (George Washington) पहले सैनिक थे और फिर सेनापति बने और उन्होंने ही पूरे अमेरीका को एक सूत्र में बांधकर संयुक्त राज्य अमेरीका बना दिया।

  36. अमेरीका के सौलहवें राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन (Abraham Lincoln), जिसने अमेरीका को दास प्रथा से मुक्ति दिलाई, बचपन में लकड़हारे थे। उन्होंने इलैक्टर से लेकर उपराष्ट्रपति तक के चुनाव लड़े, लेकिन कभी भी सफल नहीं हो पाए, लेकिन बाद में 51 साल की उम्र वे राष्ट्रपति बन गए।

  37. दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल (Winston Churchill), जिन्हें नोबल पुरस्कार भी मिला, बचपन में बहुत ज्यादा हकलाने वाले व्यक्ति थे, लेकिन उन्होंने बोलने का लगातार गहन प्रयास किया और एक दिन महान वक्ता कहलाए।

  38. एफ. डी. रूजवेल्ट (Franklin D. Roosevelt) अमेरीका के एकमात्र राट्रपति थे, जो चार बार राष्ट्रपति चुने गए। वे बचपन से कमर के नीचे पूरी तरह अपाहिज थे, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी, इसलिए बाद में अमेरीका में केवल दो बार ही राष्ट्रपति बनने का कानून बना।

  39. दक्षिणी अफ्रीका को 27 साल जेल में रहकर आजादी दिलाने वाले नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela) एक गरीब परिवार से थे, जो बाद में वहां के राष्ट्रपति बने।

  40. तीन बार विश्व हैवीवेट बॉक्सिंग का खिताब जीतने वाले मोहम्मद अली (Mohmmad Ali) के पिता एक छोटे से पेंटर थे और उनकी मां घरेलू नौकरानी थी। बचपन में गरीबी के कारण दान दिए हुए कपड़ेे पहनते थे, लेकिन इन्होंने 12 वर्ष की उम्र में ही ये संकल्प ले लिया था कि वे दुनिया के महानतम बॉक्सर बनेंगे।

ये सभी उदाहरण साबित करते हैं कि सफलता के मार्ग में न तो गरीबी और न ही शारीरिक विकलांगता बाधा उत्पन्न कर सकती है, बल्कि ऊंची सोच, पक्का इरादा तथा कड़ा संघर्ष इंसान को सफलता के शिखर पर पहुंचा देता है। इसलिए हमें इस सिद्धांत का हम दृढ़ता से पालन करें।

Note: Name of each personality is given in English in braces of each name. So if any of personality interets the readers they may directly pick the exact name in English from here and do Google search to know more details about their choice.


जय दादा नगर खेड़ा बड़ा बीर  


लेखक: हवासिंह सांगवान, पूर्व कमांडेंट, मो. नं. 94160-56145

प्रकाशन: निडाना हाइट्स

प्रकाशक: नि. हा. शो. प.

उद्धरण:
  • नि. हा. सलाहकार मंडल

साझा-कीजिये
 
जानकारी पट्टल - मनोविज्ञान (बौधिकता)

मनोविज्ञान जानकारीपत्र: यह ऐसे वेब-लिंक्स की सूची है जो आपको मदद करते हैं कि आप कैसे आम वस्तुओं और आसपास के वातावरण का उपयोग करते हुए रचनात्मक बन सकते हैं| साथ-ही-साथ इंसान की छवि एवं स्वभाव कितने प्रकार का होता है और आप किस प्रकार और स्वभाव के हैं जानने हेतु ऑनलाइन लिंक्स इस सूची में दिए गए हैं| NH नियम एवं शर्तें लागू|
बौद्धिकता
रचनात्मकता
खिलौने और सूझबूझ
जानकारी पट्टल - मनोविज्ञान (बौधिकता)
निडाना हाइट्स के व्यक्तिगत विकास परिभाग के अंतर्गत आज तक के प्रकाशित विषय/मुद्दे| प्रकाशन वर्णमाला क्रम में सूचीबद्ध किये गए हैं:

HEP Dev.:

हरियाणवी में लेख:
  1. कहावतां की मरम्मत
  2. गाम का मोड़
  3. गाम आळा झोटा
  4. पढ़े-लि्खे जन्यौर
  5. बड़ का पंछी
Articles in English:
  1. HEP Dev.
  2. Price Right
  3. Ethics Bridging
  4. Gotra System
  5. Cultural Slaves
  6. Love Types
  7. Marriage Anthropology
हिंदी में लेख:
  1. धूल का फूल
  2. रक्षा का बंधन
  3. प्रगतिशीलता
  4. मोडर्न ठेकेदार
  5. उद्धरण
  6. ऊंची सोच
  7. दादा नगर खेड़ा
  8. बच्चों पर हैवानियत
  9. साहित्यिक विवेचना
  10. अबोध युवा-पीढ़ी
  11. सांड निडाना
  12. पल्ला-झाड़ संस्कृति
  13. जाट ब्राह्मिणवादिता
  14. पर्दा-प्रथा
  15. पर्दामुक्त हरियाणा
  16. थाली ठुकरानेवाला
  17. इच्छाशक्ति
  18. किशोरावस्था व सेक्स मैनेजमेंट
NH Case Studies:
  1. Farmer's Balancesheet
  2. Right to price of crope
  3. Property Distribution
  4. Gotra System
  5. Ethics Bridging
  6. Types of Social Panchayats
  7. खाप-खेत-कीट किसान पाठशाला
  8. Shakti Vahini vs. Khaps
  9. Marriage Anthropology
  10. Farmer & Civil Honor
नि. हा. - बैनर एवं संदेश
“दहेज़ ना लें”
यह लिंग असमानता क्यों?
मानव सब्जी और पशु से लेकर रोज-मर्रा की वस्तु भी एक हाथ ले एक हाथ दे के नियम से लेता-देता है फिर शादियों में यह एक तरफ़ा क्यों और वो भी दोहरा, बेटी वाला बेटी भी दे और दहेज़ भी? आइये इस पुरुष प्रधानता और नारी भेदभाव को तिलांजली दें| - NH
 
“लाडो को लीड दें”
कन्या-भ्रूण हत्या ख़त्म हो!
कन्या के जन्म को नहीं स्वीकारने वाले को अपने पुत्र के लिए दुल्हन की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए| आक्रान्ता जा चुके हैं, आइये! अपनी औरतों के लिए अपने वैदिक काल का स्वर्णिम युग वापिस लायें| - NH
 
“परिवर्तन चला-चले”
चर्चा का चलन चलता रहे!
समय के साथ चलने और परिवर्तन के अनुरूप ढलने से ही सभ्यताएं कायम रहती हैं| - NH
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