इ-चुपाय्ल
 
चुटकुले
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!!!......ईस्स बैबसैट पै जड़ै-किते भी "हरियाणा" अर्फ का ज्यक्र होया सै, ओ आज आळे हरियाणे की गेल-गेल द्यल्ली, प्यश्चमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड अर उत्तरी राजस्थान की हेर दर्शावै सै| अक क्यूँ, अक न्यूँ पराणा अर न्यग्र हरियाणा इस साबती हेर नैं म्यला कें बण्या करदा, जिसके अक अंग्रेज्जाँ नैं सन्न १८५७ म्ह होए अज़ादी के ब्य्द्रोह पाछै ब्योपार अर राजनीति मंशाओं के चल्दे टुकड़े कर पड़ोसी रयास्तां म्ह म्यला दिए थे|......!!!
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हरियाणवी चुटकुले

कुल 33
  1. बैरी के भीतर का दर्द:

    आजकल वा छोरी भी अंग्रेजी गाणे सुण स....
    जुणसी अंग्रेज़ी के पेपर म पर्ची मांगया करदी..

  2. एक बै एक आदमी जाट डॉक्टर धोरे जा कै कहवे है' "डॉक्टर साब मेरे दस्त लाग रे सै!"
    जाट डॉक्टर :- लागे रहण दे, तनै के उसके गोस्से पाथने स!

  3. तजुर्बे की बात है

    रोडवेज बस में जितनी लुगाई चढया करे हैं
    सीट खुसन का उतना ही खतरा रहया करे है

  4. ताई भी ताइये हों सैं भाई:

    एक बार एक ताई ने बस रुकवाई
    कंडक्टर बोला ताई कित जागी
    ताई बोली बेटा जाना ते किते कोन्या
    यो म्हारा छोरा रोवे था एक बे पो - पो बजवा दें...

  5. जमा जुल्म कट्या करदे भाई:

    सबते घणा छो तो जब उठा करदा....
    जब म्हारे घरा कोए मेहमान आया करदा..
    अर जान्दी हाण जब वे मेरे तक 100 का नोट दिया करदे..अर मेरे घर आले नु कह क मना कर दिया करदे अक बालक स इसने तो 5-10 रपिये दें दो...।।।

  6. या भी खूब रही:

    बनियों ने गाँधी को बापू बना दिया...
    पंडितो के नेहरु को चाचा बना दिया...
    जाटां न भी दिमाग चलाया...
    जाटों ने देवीलाल जी को सबका ताऊ बणा दिया...

  7. मेट्रो हरियाणा में प्रवेश कर चुकी है तो फिर Announcement भी हरियाणवी में होनी चाहिए| जैसे कि:-

    • आगला टेशण "दादा भगवाने पार्क" सै, किवाड ओळे हाथ ने खुल्लेंगे| गाड्डी म्ह तैं सुथरी ढाळ उतरियो, उतरदी हाण एक-दुसरे के ख्स्सण की कोय जरुत नी सै| जुणसा खसदा पाया गया, अच्छी ढाळ ओसण्या जागा|

    • गाड्डी म्ह जो भी माणस होक्का-बीड़ी सुलगांदा ठ्यागा, पकड़ कैं आच्छी ढाळ तोड्या जागा; कदै पाच्छे न्यु कहो अक या के बणी|

    • खागडां तै निवेदन सै अक बुड्ढे-बडेरयां अर छोरटाँ आळी बीरबानियां ताईं पहलम झटक सीट खाली कर दें|

    • चालती गाड्डी की सूध में पहलडा डयब्बा लुगाईयां ताईं सैं| मलंग अर लंगवाड़े भिरड के छत्ते की ढाळ उडै ना मंडरावैं, ना तैं अच्छी ढाळ पर छांगे जांगे|

    • गाड्डी में चोर-डाकुवां ते चौकस रहियो चाहे ना रहियो, पर अळबादी बूढ्यां तैं जरुर बच कै रहियो; कदै पाच्छे शिकात करो अक म्हारी 'चीचड़ी' तोड ली अक "मोठ पाड़ ली"। कई बुढ्ढे "झोटी खोलण" के भी उस्ताद सैं, तो आपणी-आपणी झोटी बाँध कें चोक्क्स राखियो|

    जय हरियाणा, जय भारत!

  8. सोमवार का दिन था। फत्ते नै सोची चाल आज भोले शंकर धोरै चाल्लां, मंदिर कानी चाल पड़ा। एक मंदिर मेँ बड गया।

    भीतर जाकै देखा - गणेश जी का मंदिर था।

    गणेश जी धोरै जाकै न्यू बोलया - छोटू! अपने बाबू नै कहिये - फत्ते नम्बरदार आया सै|

  9. एक बै फत्तू खेत म्ह रेडियो सुणे था। रेडियो पै एक लुगाई बताण लाग री थी अक बंबई मै बाढ़ आगी, गुजरात मै हालण आग्या, दिल्ली म्ह......

    इतणे म्ह फत्तू नै देख्या अक पाच्छै नाका टूट्या पड़्या स‌ै, अर पाणी दूसरे के खेत म्ह जाण लाग रहया स‌ै। फत्तू छोंह म्ह आग्या अर रेड़ियो कै दो लट्ठ मारकै बोल्या - दूर-दूर की बताण लाग री स‌ै, लवै नाका टूट्या पड़या स‌ै, यो बतांदे होए तेरा मुँह दुक्खै स‌ै?

  10. एक बै एक जाट का ब्याह ना होवे था| वो गया शिवजी भोले के मन्दिर मैं और बोला, "हे!भोले शंकर जै तू मेरा ब्याह करवा दे तै मैं तेरे झोटा चढाऊंगा| इब कुछ दिन बाद उसका ब्याह हो गया| तै वो आगले ही दिन ले कै पहुँच गया मन्दिर मैं| पर बलि देन (हालाँकि जाट ऐसी पशु या नरबली कभी नहीं देते, यहाँ एक चुटकुले के रूप में बात कही जा रही है) खातर कीमे फरसा-कुल्हाडी ल्यानी भूल गया|

    इब बाँध झोटे नै शिव लिंग कै, फरसा-कुल्हाडी लेने घर चला गया| उरान झोटे नै एक झोटी दिखगी| झोटा भाज लिया शिवलिंग समेत पाड़ कै| इब आगे-आगे झोटा और पाछे-पाछे शिव शंकर जी घिसटते जान लाग रे|

    जब झोटा देवी माई के मन्दिर आगे तै गुजरा तो देवी माई बोली, "शिव शंकर जी आज ऐसी हालत में कैसे| क्या बात हो गई?"

    शंकर जी बोल्ये, "अरे देवी माई! बोल-बाल्ली दुबकी रह, ना तै जिस दिन जाटा के फसगी तो न्यू ये घिसड्ती हांडेगी|

  11. हरियाणा में एक दामाद सर्दियों के दिनों में अपने ससुराल गया, उसकी पत्नी का नाम था दामो, और उसकी साली का नाम था बिदामो तो उस गाँव में रिवाज़ ये था कि, दामाद अपनी पत्नी से मिलना तो दूर आमने सामने देख भी नहीं सकता था ! इस रिवाज़ को तोड़ने के लिये और बीवी दामो से मिलाने के लिये दामाद ने इशारे में दो पंक्तिया कहीं :--

    " उड़ता पंछी बोल रिया स अबकी पाळा खूब पडेगा, दो जण मिल के सोते रहियो, नहीं ते एक जरूरू मरेगा !"

    सास समझ गई कि, दामाद क्या इशारा कर रहा है ! उसने भी जवाब दिया :--

    " दामो संग बिदामो सोयेगी, और तेरे संग तेरा साळा, मैं बूढे संग पड़ी रहूँगी, के कर लेगा पाळा !"

  12. मीठा लाला घणा कंजूस था. मरा बटा सड़कां पै पड़ी पन्नियां नै भी ठा ल्यावै था अर धोकै नै उनमैं सौद्दा दे दिया करदा ग्राहकां ताहीं. मीठे लाला का छोरा गोधू घणे ही दिनां तै अपनी दूर की नजर कमजोर-सी महसूस कर रह्या था...तै एक दिन अपने बाबू तै बोल्या अक रै बाबू मेरी दूर की नजर कमजोर हो ली है, मन्ने चश्मा बनवाणा है...ल्या पईसे दे दै...

    पईसे का नाम सुणते ही मीठे लाला का दिमाग घूम गया...उसनै पकड़ी गोधू की गुद्दी अर उसका थोबड़ा सूरज कैन्ही कर दिया, बोल्या बता यो के है...छोरे की आंख्यां मैं लाग्या चौंधा...बोल्या सूरज है...तै मीठा लाला पड़ दे इ बोल्या...है ऊत...इतनी दूर ताहीं का तू देखण लाग रह्या अर कह है अक चश्मा बणवा दे...भाज याहड़ै तै........

  13. ताऊ आपणे डांगरा ने ले के खेत में ते आन लाग रह्या था अर इतने में एक मोड़डा आ गया अर उस न देख के सारे डांगर बिदक(ड़र) गे,

    ताऊ बोल्या ओ मोड़डे एक ओड ने हो ले मेरे डांगर डरे हैं तेरे ते ?

    मोड़डा बोल्या -अरे बच्चा तुम्हे बोलने की अक्ल नही है, हमे स्वामीजी कह कर बुलाते हैं,

    ताऊ के छो उठ गया अर बोल्या - एक ओड ने हो ले, एक लठ लाग गया तो मोड़डे ते भी जावेगा

  14. एक बाबा आटा मांगण चाल्या गया। बाबा नै एक घर में जा-कै रूका मारा। बाबा नै देख्या अक सारा घर खिंढ़्या पड़ा था - कितै बर्तन पड़े, कितै चप्पल-जूते, कितै लत्ते-कपड़े पड़े थे ।

    फेर एक बेसूहरी सी लुगाई बाहर आई अर बोली - बाबा, न्यूं आटा मांगता हांडै सै ईब, घर क्यूं ना बसाया ?

    बाबा नै जवाब दिया - बेबे, सुथरा घर कदे बस्सया ना, अर तेरे बरगा बसावण का जी कोनी करया !!

  15. पुराणी बात स । ऊस टैम अंग्रेजी का ज्ञान बहोत कम लोगां न था । स्कूल मदरसे कसबे या शहर में हुया करते । एक गाम का छोरा 5-6 जमात पढ़ कै गाम में आग्या । उस ने दो तीन स्टोरी अर छुट्टी की अप्लिकेशन रट राखी थी अर जित भी बोललन का मौका मिलता वो अंग्रेजी में शुरू हो जाता । "वंस देर वास् अ क्रो । ही वास वैरी थ्रास्टी,ही वेंट इन सर्च ऑफ़ वाटर हेयर एंड दिएर । आइ केन नोट कम टू योवर सकूल टूडे । आइ ऍम ईल । थैंक यू । "

    गाम आल्ला कै पक्की जमगी के भाई बहोत समझदार छोरा स अर छोरे ने पक्की अंग्रेजी आवे स । ईब जब बी कितै कोए बात फंस जाती त उस नै बुल्ला कै ले आम्ते अर वो आपणी रटी रटाई अंग्रेजी में शुरू हो जाता । "वंस देर वास् अ क्रो...........|

    एक बै एक अंग्रेज दिल्ली तै गाम मे आग्या अर लाग्या हाउ हाउ करण । किसे की कुछ बी समझ में ना आया । वे भाज कै उस खागड़ ने बुला लाये ।

    ईब अंग्रेज ने उस ताही बुझी " वाट इज योवर नेम , व्हाट इज योर विलेज नेम ? "

    वो शुरू होग्या " सर, वंस देर वास् अ क्रो । ही वास वैरी थ्रास्टी । ही वेंट इन सर्च ऑफ़ वाटर हेयर एंड दिएर । आइ केन नोट कम टू योवर सकूल टूडे । आइ ऍम ईल । थैंक यू । "

    अंग्रेज ने उस के मुह पै एक दिया खेंच कै अर बोल्या "यु स्टूपिड यु आर मेकिंग अस फूल" ।

    सारे गाम आले देख के धोले होगे । एक गाम आला उस ने एक ओडान ले जाके भुझ लाग्या भाई के बात कुछ गड़बड़ होगी के?

    वो बोल्या " ना गड़बड़ वड़ बड़ कुछ ना हुयी, यो त नराज होक़े नू क़ह स अक तन्ने इतनी बढ़िया अंग्रेगी आवे अर तू आड़े गाम में क्यूँ पडया स | चाल मेरी गैल " ।

  16. जंगल म्ह राजा का चुनाव होया अर उसमैं बांदर जीत ग्या। बांदर का राजा बणना शेर तै बर्दाश्त कोनी होया। इस छोंह म्ह वो बकरी के बच्चे नै ठा लेग्या।

    बकरी बांदर धौरे आई अर रोंदी-रोंदी बोल्ली – राजा साब शेरे मेरे बच्चे नै ठा के लेग्या थाम उसती बचा ल्यो।

    बांदर एक पेड़ तै दूसरे पेड़ पै छाल मारण लाग्या।

    बकरी बोल्ली – जी थाम तोले से जाओ इतणे म्ह तो वो शेरे मेरे बच्चे नै खा जावैगा।

    बांदर बोल्या – न्यूं खावैगा तो खावैएगा मेरी भागदौड़ मैं कमी हो तो बता !!

  17. एक ब एक ताऊ, कसुता उत , अपणे बड़े छोरे के शहर में नए बनाये ओड़ घर में गया अर रात ने बहार बरामदे में खाट गाल के सोगा ! कित जक पड़े थी !

    अपने छोरे ते रुका मारया - र मन्ने जाड़े में मारोगे के ? छोरे ने उसकी खाट भीतर गाल दी !

    कोन्या डटया गया ! फेर रुका मारया - अर ! मन्ने गर्मी में मारोगे के ?

    छोरे ने फेर ताऊ की खाट धेल ते आधी बहार अर आधी भीतर घाल दी !

    ताऊ के फेर कुचरनी उठी अर मारया रुका -- अर कसाई मन्ने सरद-गरम करके मारोगे के !

  18. एक बार एक सूते होए बनिए की छाती पर के सांप उतर गया ! बनिया मारे किलकी कसुता फूट फूट रोवे ! एक जाट आया बोल्या हट तेरा ससरा क्यूँ अरडाण लग रहया है सांप तो जा लिया ! बनिया बोल्या " सांप ने तो इब राही पा गयी जब जी करेगा आ ज्यागा "
  1. मखा छोरी ज्यादा Attitude नही,,, जोण सी लस्सी तू 40 रूपए लीटर लेकै कदे कदे पीवै है नी,,,
    उस तै घणी गाढ्ढी तो मेरी माँ रोज तासला भर कै क़ुत्तां नै प्यादे सै...।।

  2. एक छोरा ताऊ रामपाल तै बोल्या --- ताऊ किरण बेदी बीजेपी मैं शामिल होगी!
    ताऊ रामपाल - - चालदी नहर मैं लुगाई लत्ते धौण चली ए जाया करै!

  3. Attitude अर म्हारे को, सुण जा:
    छोरी जितना Attitude तू बात करदे होए दिखावै है .....
    उस्तै घना Attitude तो म्हारा काट्डा न्हांदे होण दिखादे सै.....

  4. फेमस होण के शौक भी कसूत हों सैं:
    ईक बै किसे आदमी कि रात ने कोए घणा समार गया। अँधेरे में उसने उसका थोबड़ा पिछाण में ना आया अक कुण था...
    उसनै पुलिस में रपट लिखा दी...
    पुलिस आयी अर पूछताछ करण लाग्यी...
    गाम का शरीफ़ सा आदमी नाम था “करतार ”... उसने हां भर ली अक मने ऐ मारे से ...
    पुलिस ने उसकी मार-मार कै हड्डी- पसली तोड गेरी...
    दो दिन पाछे असली पिटण आला पकड़ा गया।
    गाम आलै पूछण लाग्ये :- अरै करतारे तनै हामी क्यूं भरी...?
    करतारे बोल्या:- मन्ने मारे कोन्या ते के होया, पर लोगां नै न्यू तै बेरा लाग्या अक
    करतारे भी बदमाश सै।

  5. एक बे रलदु फसल बेचके आया था तो उसने सोची अक रोज रोज की बोतल लेवन ते बडीया एक ड्राम ले चालू उसने डराम भरवा लिया दारू का अर घर जा टेक्या
    एक चूहा ड्रम के मैं जा पडया...... आछी दारू पीग्या.......
    रलदु ने सोची अक मरग्या यो ते उसने वो बाहर काड के अडंगे में फेंक दिया
    साँझ सी ने जब चूहे ने थोडा सा होंस आया ते देख्या अक रलदु दारू पी के ने अपनी बहू ने पीटन लग रह्या है अर थोड़ी ऐ हान में वा रूस के ने घर ते लिकड़ ली
    इब चूहे में भी यो सीन देख के मर्दानगी छागी उसने सोची अक मर्दानगी दिखाऊ ते दिखाऊ कित?
    उसने चोगर्दे के देख्या ते पाया अक एक बिल्ली लोट रही थी खाट धोरे वो सहज सहज गया बिल्ली धोर्रे और जाके ने बिल्ली के मुह पे लात मारके बोल्या - भाड़ा लेके जावेगी अक्क नु ऐ चली जा गई !!

  6. एक बै एक जाट नैं खेत में टयूबवेल लगवाना था! सोचा कि पंडित जी से पूछ लूँ कि पानी कहां होगा! पंडित जी ने सारे खेत में घूम कर एक कोने में हाथ रख दिया और बोला कि यहां टयूबवेल लगा ले और 1100 रपियै ले लिये!

    जाट बेचारा भुरभुरे स्वभाव का था! पंडित जी से बोला,"मैं भोत खुश हूं, आप मेरे घर खाना खाने आओ! पंडित ने सोचा कि फंस गई सामी आज तो और हां कर दी!

    जाट घर जा कर जाटणी से बोला," पंडित जी जिम्मण आवेंगे पकवान बना ले और एक कटोरी में नीचे तता देसी घी और उपर बूरा घाल दिये! जाटणी बोली कि घी तो उपर होता है! जाट बोला कि आज तू घी नीचे रखिये!

    पंडित जी आ गये और बूरे वाली कटोरी देख कर बोले, "जाट भाई इसमें घी तो है ही नहीं!

    जाट ने चप्पल निकाल के एक धरी पंडित के कान के नीचे और बोला, "तन्नै खेत में 250 फुट नीचे का पानी देख लिया...कटोरी में 2 इंच नीचे घी नी दिक्खया!

  7. एक बार एक अंग्रेज हरियाणवी ताऊ के पास हरयाणवी सीखने आता है। तो ताऊ उसको कहता है कि तुम्हारे बस बात नहीं हरयाणवी सीखना। तो अंग्रेज कहता है कि जब मैं हिंदी सीख सकता हूँ तो हरियाणवी भी सीख लूँगा। ताऊ मना करता रहा पर अंग्रेज नहीं माना तो ताऊ उसे हरियाणवी सिखाने को तैयार हो जाता है। दो महीने बाद ताऊ बोला अक अब में तेरा टेस्ट लूँगा। अंग्रेज भी खुश हो जाता है और बोलता है कि अच्छा ले लो।

    तो ताऊ एक घी की मटकी ला के उसे अंग्रेज के सामने जमीन पे पटक के फोड़ देता है और अंग्रेज से पूछता है कि बता इसकी हरियाणवी के होगी?

    अंग्रेज: "यू घी का बास्सण किसने फोड़ा?"
    ताऊ: मैं थामनें पहलम-ए कहूँ था अक या तेरे बस की बात ना स।
    अंग्रेज फिर से कोशिश करता है: "यू घी का बर्तन किसने फोड़ा?"
    ताऊ: गलत स अर खामखा दो मिन्हें मेरा दिमाग भी चाट लिया।
    अंग्रेज: तो इसने कुक्कर कह्वेंगे?
    ताऊ: इसनें कह्वेंगे अक या इसीतिसी किसकी होई?

  8. एक बै चार राछ घणी दारू पी कै गाम में रात के बारह बजे पाच्छै बड़े आकै। सारे कत्ती धुत्त हो रहे थे।

    एक घर धोरै आ-कै रूका मारण लाग-गे - रणबीर, ओ रणबीर - रणबीर रै !!

    रौळा सुण कै छात (छत) पर तैं एक लुगाई बोल पड़ी- "के ज्ञान हो रहया सै, हाड़ै कोन्या रणबीर - वो तै दूसरे गाम में जा रहया सै" ।

    न्यूं सुण कै उन राछां म्हां तैं एक बोल्या- "तू कूण सै भिर" ?

    वा बोल्ली - "मैं रणबीर की बहू सूं, और कूण सूं ?

    "इतना सुणना था, अर उन-म्हां तैं एक बोल्या - "ठीक सै, एक बै तळै आ-ज्या, अर आपणे नै पिछाण ले-ज्या - हम भी जा कै सोवां फिर" !

  9. एक तोता सुबह अपने मालिक को उठाने के लिए कहता है, "सर जागो, आपने काम पर जाना है"।

    मालिक का स्थानांतरण (Transfer) हरियाणा में हो गया फिर तोते ने कहा, "अरे ओ खसम उठ ले इब के गीतां आली लाऊं।

  10. एक बर एक ताऊ घणाए बीमार होज्या सै, उसका इलाज घणीए जगहां करवाया पर उसकै कोए आराम नी होया। हारकै उसती उसके घरआले उसनै दिल्ली के एक बड़े से हस्पताल मैं ले जावै सै, अर ताऊ की घर आली भरपाई भी उसकै गेल्यां आजै सै। ताऊ नै उसके घरआलै हस्पताल मैं दाखिल करावै सै।

    ताऊ नै देखकै डाक्टर बोल्या, "यो तो मर ग्या।"

    जैदे ताऊ बोल पड़या मैं जिंदा सूं जिंदा सूं।

    इसपै ताऊ की घरआली भरपाई बोल्यी, "तों तो चुप रै तनै तो आपणीए चलाण की आदत सै, यो इतना बड़ा डाक्टर के झूठ बोलै सै।

  11. एक बे रामफल मास्टर बालकां ने आतंकवादी घटनाओं तें क्यूकर बचा जा सिखावे था | आखिर में उह ने बालकां का टेस्ट लेवन की सोची अक दिखाँ किम्मे सीख्या अक ना |

    रामफल मास्टर ---- खूंढ़ा बता, जा तन्ने स्कूल के गेट के आगे जा एक बम्ब दिख जा तो तू के करेगा?

    खूंढ़ा ---पहलम ते उराँ-पराँ देखूंग! | फेर जा कोए ना देख्दा होगा तो उह ने ठा कें स्टाफ रूम में धर दयुन्गा |

  12. फतू की माँ मरगी । गाम आले खेतां मैं जा रे थे । फतू आपणी माँ नै बुगगी मैं घाल कै ले ग्या ।अर गाम तै थोड़ी सी बाहर लिकड़ कै फुक दी ।

    साँझ नै आकै गाम के लोगां नै बुझी अक र तनै यो के करया रै फतू? बुढ़िया च्यांनियाँ में क्यूँ ना फूंकी ?

    फतू बोलया--ओड़े 200 माणस फूक राखे सैं मेरी माँ किस- किस तै पल्ला करदी ??

  13. एक बै एक कति मरया ओड सा छोरा रेल की पूरी सीट घेर कै पडया, एक आदमी आया अर बोल्या भाई माडा सा परेन होले बैठन दे, अर छोरा बोल्या, "तनै बेरा नी मै कूण सू?"

    आदमी नै सोची अक सै तै मरया ओड सा पर आजकाल बेरा ना लागता के बेरा के हो, अर जो भी आवै सबनै नयूए कहदे, तनै बेरा नी मै कूण सू, अर आगले डर जावै,

    फेर एक पहलवान आया उसनै जगहा मांगी अर वो फेर नूए बोल्या, तनै बेरा नी मै कूण सू, नू कहंदे पहलवान नै गुदि पकड कै ठा लिया अर बोल्या हा़ँ इब बता कूण सै तू?

    मरया ओड छोरा बोल्या - जी मै बिमार सूं मन्नै उडे ए धर दे जित्तै ठाया है|

  14. सत्तू सबेरे सबेरे उठ कै अपणे बाबू ते बोल्या - "बाबु, जब मैं सबेरे नौ बजे सौ कै उठूँ , तो मन्ने साँस लेण मैं घणीए तकलीफ आवे सै, मैंने डाकदर कै दिखा ल्या" |

    सत्तू का बाबू बोल्या - "बेटा तों बख्त उठया कर, नो बजे तक तो सारी ओक्सीजन बाबा रामदेव अर उसके चेले खीँच लेवै सें , तने के घंटा थ्यावेगा | "

  15. हरियाणा रोडवेज की बस जब रोहतक के लिए चलती है तो कंडक्टर आओ जी , बैठो जी कह के बोलता है और बस जैसे ही बस रोहतक शहर में घुसने के लिए मुडती है तो वहाँ खड़े स्टुडेंट्स बस पे लटकते है और रोहतक पहुंचते पहुँचते कंडक्टर जो शहर में आओ जी और बैठो जी बोल रहा था देखिये बस सटैँड पहुंचते पहुंचते क्या क्या बोलता है -

    (जीँद- लाखनमाजरा)
    1. मार मार के तेरा मोर बणा दूंगा ।
    2. हाडे के डोके लेवै था !
    3. नाश फोड़ दूंगा !
    4. क्यूं किलकी मारै सै !
    5. ढेड के बीज !
    6. जाड़ ना भीचै !

    (साँपला-बहादुरगढ)
    7. कूए मै पड़…और झेरे मै लिकड़!
    8. घणा एंडी सै ?

    (गोहाना-पानीपत)
    9. घणा डीसी ना पाकै!
    10. तेरी हिंदी कर दूंगा!
    11. इसा जूत मार दूंगा…सपने नहीं आवेंगे कदे!!

    (खरखोदा )
    12. गंदे ढेड!
    13. हगाये बरगी आँख्या आला!
    14. इसा मार दूंगा ..काँध(डोली) कै चिप ज्यागा… खुरच के तारना पडैगा!
    15. हाडे के टिंडे मिलै थे!
    16. क्यूं घणे छेछर खिंढावै सै!
    17. दीदे काड़ लूँगा!

    (झज्जर-कलानोर)
    18. कड़ लाल कर दूंगा!
    19. तेरी के आँख फूट री थी!
    20. टोल्ला मार के ..सर पाड़ दूंगा!
    21. तेरी खील सी उड़ा दूंगा!
    22. टायर तले आये बगैर मान्नै कोनी के!
    23. दीमाग ना बिलोवै!

    (सिरसा)
    24 .हाँ तू देख म्हारी देखी जागी!
    25. हो रै______ फलाणे के!
    26. हाँ भाई .सब राजी खुशी!
    27. और भाई ..के कमा रहया सै!
    28. अंख्या मैं पंजे दे के सो ज्या!

    (सोनीपत)
    29. क्यूं ….. घणा अंग्रेज सै?
    30. मतीरा सा फोड़ दूंगा!
    31. काला तीत!
    32. गूगा!
    33. रै मिची मिची आँख्या आले!
    34. गोला लाठी कर दूंगा!
    35. जेली पिरो दूंगा!
    36. परे नै डिग ले!

    (कैथल)
    37. मड़ा सा नूनै होलेँ ।

    (और सबते एंडी हिसार का)
    38. झकोई........ मेरी सासू का ।

जय दादा नगर खेड़ा बड़ा बीर


जमा करणीया: पी. के. म्यलक

छाप: न्यडाणा हाइट्स

छाप्पणिया: न्य. हा. शो. प.

ह्वाल्ला:
  • न्य. हा. सलाहकार मंडळी

आग्गै-बांडो
 
ई-चुपाय्ल म्ह बतळाए गए मुद

न्यडाणा हाइट्स के इ-चुपाय्ल बहोळ म्ह आज लग बतळआए गये मसले अर मामले| के अंतर्गत आज तक के प्रकाशित विषय/मुद्दे| प्रकाशन वर्णमाला क्रम म सूचीबद्ध करे गये सें|

इ-चुपाय्ल:


Articles in English:
    General Discussions:

    1. Farmer's Balancesheet
    2. Original Haryana
    3. Property Distribution
    4. Woman as Commodity
    5. Farmer & Civil Honor
    6. Gender Ratio
    7. Muzaffarnagar Riots
    Response:

    1. Shakti Vahini vs. Khap
    2. Listen Akhtar Saheb

हिंदी में लेख:
    विषय-साधारण:

    1. वंचित किसान
    2. बेबस दुल्हन
    3. हरियाणा दिशा और दशा
    4. आर्य समाज के बाद
    5. विकृत आधुनिकता
    6. बदनाम होता हरियाणा
    7. पशोपेश किसान
    8. 15 अगस्त पर
    9. जेंडर-इक्वलिटी
    10. बोलना ले सीख से आगे
    खाप स्मृति:

    1. खाप इतिहास
    2. हरयाणे के योद्धेय
    3. सर्वजातीय तंत्र खाप
    4. खाप सोशल इन्जिनीरिंग
    5. धारा 302 किसके खिलाफ?
    6. खापों की न्यायिक विरासत
    7. खाप बनाम मीडिया
    हरियाणा योद्धेय:

    1. हरयाणे के योद्धेय
    2. दादावीर गोकुला जी महाराज
    3. दादावीर भूरा जी - निंघाईया जी महाराज
    4. दादावीर शाहमल जी महाराज
    5. दादीराणी भागीरथी देवी
    6. दादीराणी शमाकौर जी
    7. दादीराणी रामप्यारी देवी
    8. दादीराणी बृजबाला भंवरकौर जी
    9. दादावीर जोगराज जी महाराज
    10. दादावीर जाटवान जी महाराज
    11. आनेवाले
    मुखातिब:

    1. तालिबानी कौन?
    2. सुनिये चिदंबरम साहब
    3. प्रथम विश्वयुद्ध व् जाट

हरियाणवी में लेख:
  1. त्यजणा-संजोणा
  2. बलात्कार अर ख्यन्डदा समाज
  3. हरियाणवी चुटकुले

NH Case Studies:

  1. Farmer's Balancesheet
  2. Right to price of crope
  3. Property Distribution
  4. Gotra System
  5. Ethics Bridging
  6. Types of Social Panchayats
  7. खाप-खेत-कीट किसान पाठशाला
  8. Shakti Vahini vs. Khaps
  9. Marriage Anthropology
  10. Farmer & Civil Honor
न्य. हा. - बैनर अर संदेश
“दहेज़ ना ल्यो"
यू बीर-मर्द म्ह फर्क क्यूँ ?
साग-सब्जी अर डोके तैं ले कै बर्तेवे की हर चीज इस हाथ ले अर उस हाथ दे के सौदे से हों सें तो फेर ब्याह-वाणा म यू एक तरफ़ा क्यूँ, अक बेटी आळआ बेटी भी दे अर दहेज़ भी ? आओ इस मर्द-प्रधानता अर बीरबानी गेल होरे भेदभाव नै कुँए म्ह धका द्यां| - NH
 
“बेटियां नै लीड द्यो"
कन्या-भ्रूण हत्या ख़त्म हो!
छोरी के जन्म नै गले तैं तले ना तारणियां नै, आपणे छोरे खात्तर बहु की लालसा भी छोड़ देनी चहिये| बदेशी लुटेरे जा लिए, इब टेम आग्या अक आपनी औरतां खात्तर आपणे वैदिक युग का जमाना हट कै तार ल्याण का| - NH
 
“बदलाव नै मत थाम्मो"
समाजिक चर्चा चाल्दी रहवे!
बख्त गेल चल्लण तैं अर बदलाव गेल ढळण तैं ए पच्छोके जिन्दे रह्या करें| - NH
© न्यडाणा हाइट्स २०१२-१९