इ-चौपाल
 
हरियाणा-योद्धेय
 
choupalhr.html
choupal-projects.html
!!!......गंभीरतापूर्वक व् सौहार्दपूर्ण तरीके से अपनी राय रखना - बनाना, दूसरों की राय सुनना - बनने देना, दो विचारों के बीच के अंतर को सम्मान देना, असमान विचारों के अंतर भरना ही एक सच्ची हरियाणवी चौपाल की परिभाषा होती आई|......!!!
आप यहाँ हैं: दहलीज > इ-चौपाल > हरियाणा-योद्धेय > भंवरकौर जी
भंवरकौर जी
हरियाणा यौद्धेय उद्घोषम्
"दादा नगर खेड़ा (दादा बड़ा बीर/दादा खेड़ा/दादा बैया/दादा भैया/बड़े दादा/बाबा भूमिया)"
मोर पताका: सुशोभम
हिन्दू धर्मरक्षिका अमर बलिदानी बृजबाला दादीराणी भंवरकौर जी
"हरियाणा योद्धेय" की परिभाषा: इसमें "हरियाणा शब्द" इसके ऐतिहासिक प्राचीन वास्तविक स्वरूप को इंगित करता है जिसके तहत आज का हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर-प्रदेश, उत्तराखंड व् उत्तरी राजस्थान होते थे| "योद्धेय शब्द" हरियाणा की विभिन्न खापों में सर्वधर्म सर्वजतियों से समय-समय पर हुए वीरों-हुतात्माओं-दार्शनिकों के सम्बोधन में कहा जाता था| इस तरह दोनों शब्दों को जोड़ कर निडाना हाइट्स नें "हरियाणा योद्धेय" की श्रृंखला बनाई है, जिसके तहत हरियाणा यौद्धेयों के अध्याय प्रकाशित किये जा रहे हैं और प्रस्तुत अध्याय इसी श्रृंखला की कड़ी है|

अपने अग्रज दादावीर गोकुला जी महाराज के धर्म व् मातृभूमि के नाम बलिदान के बाद मुगलों को लोहे के चने चबवाने वाली रणचंडी की अमर गाथा है यह, जिसकी तेजस्वी वीरता पर कवि के मुख से स्वर कुछ यूं फूट पड़ते हैं:

अबलाएं करती थी श्रृंगार,
वे बनी सिंहनी क्षत्राणी|
केवल श्रृंगार नहीं सूझा,
तलवार धार में था पानी|
कितने ही यवनों को काटा,
जैसे हो फसल को काट रहीं|
रणचंडी बनकर देखो वे,
अरि रक्त को चाट रहीं|




Complete article coming soon................



जय दादा नगर खेड़ा बड़ा बीर


लेखक: ......

दिनांक: ......

प्रकाशन: निडाना हाइट्स

प्रकाशक: नि. हा. शो. प.

उद्धरण:
  1. ......
  2. ......
  3. ......
  4. ......

साझा-कीजिये
 
इ-चौपाल के अंतर्गत मंथित विषय सूची
निडाना हाइट्स के इ-चौपाल परिभाग के अंतर्गत आज तक के प्रकाशित विषय/मुद्दे| प्रकाशन वर्णमाला क्रम में सूचीबद्ध किये गए हैं:

इ-चौपाल:


हरियाणवी में लेख:
  1. त्यजणा-संजोणा
  2. बलात्कार अर ख्यन्डदा समाज
  3. हरियाणवी चुटकुले

Articles in English:
    General Discussions:

    1. Farmer's Balancesheet
    2. Original Haryana
    3. Property Distribution
    4. Woman as Commodity
    5. Farmer & Civil Honor
    6. Gender Ratio
    7. Muzaffarnagar Riots
    Response:

    1. Shakti Vahini vs. Khap
    2. Listen Akhtar Saheb

हिंदी में लेख:
    विषय-साधारण:

    1. वंचित किसान
    2. बेबस दुल्हन
    3. हरियाणा दिशा और दशा
    4. आर्य समाज के बाद
    5. विकृत आधुनिकता
    6. बदनाम होता हरियाणा
    7. पशोपेश किसान
    8. 15 अगस्त पर
    9. जेंडर-इक्वलिटी
    10. बोलना ले सीख से आगे
    खाप स्मृति:

    1. खाप इतिहास
    2. हरयाणे के योद्धेय
    3. सर्वजातीय तंत्र खाप
    4. खाप सोशल इन्जिनीरिंग
    5. धारा 302 किसके खिलाफ?
    6. खापों की न्यायिक विरासत
    7. खाप बनाम मीडिया
    हरियाणा योद्धेय:

    1. हरयाणे के योद्धेय
    2. दादावीर गोकुला जी महाराज
    3. दादावीर भूरा जी - निंघाईया जी महाराज
    4. दादावीर शाहमल जी महाराज
    5. दादीराणी भागीरथी देवी
    6. दादीराणी शमाकौर जी
    7. दादीराणी रामप्यारी देवी
    8. दादीराणी बृजबाला भंवरकौर जी
    9. दादावीर जोगराज जी महाराज
    10. दादावीर जाटवान जी महाराज
    11. आनेवाले
    मुखातिब:

    1. तालिबानी कौन?
    2. सुनिये चिदंबरम साहब
    3. प्रथम विश्वयुद्ध व् जाट

NH Case Studies:

  1. Farmer's Balancesheet
  2. Right to price of crope
  3. Property Distribution
  4. Gotra System
  5. Ethics Bridging
  6. Types of Social Panchayats
  7. खाप-खेत-कीट किसान पाठशाला
  8. Shakti Vahini vs. Khaps
  9. Marriage Anthropology
  10. Farmer & Civil Honor
मिलते-जुलते विषय
"खाप स्मृति" व् "हरियाणा योद्धेय" उपभागों के विषयों के समान वेबसाइट के दूसरे भागों में प्रकाशित विषय:
  1. Sarvjatiya Sarvkhap Legend
  2. Gathwala Khap
  3. गठ्वाला खाप
  4. Gotra System
  5. समाज का मॉडर्न ठेकेदार
  6. दादा नगर खेड़ा
  7. हरयाणे के वीर योद्धेय
  8. Shakti Vahini & Honor Killing
  9. Property Distribution System
नि. हा. - बैनर एवं संदेश
“दहेज़ ना लें”
यह लिंग असमानता क्यों?
मानव सब्जी और पशु से लेकर रोज-मर्रा की वस्तु भी एक हाथ ले एक हाथ दे के नियम से लेता-देता है फिर शादियों में यह एक तरफ़ा क्यों और वो भी दोहरा, बेटी वाला बेटी भी दे और दहेज़ भी? आइये इस पुरुष प्रधानता और नारी भेदभाव को तिलांजली दें| - NH
 
“लाडो को लीड दें”
कन्या-भ्रूण हत्या ख़त्म हो!
कन्या के जन्म को नहीं स्वीकारने वाले को अपने पुत्र के लिए दुल्हन की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए| आक्रान्ता जा चुके हैं, आइये! अपनी औरतों के लिए अपने वैदिक काल का स्वर्णिम युग वापिस लायें| - NH
 
“परिवर्तन चला-चले”
चर्चा का चलन चलता रहे!
समय के साथ चलने और परिवर्तन के अनुरूप ढलने से ही सभ्यताएं कायम रहती हैं| - NH
© निडाना हाइट्स २०१२-१९